धारा 4 की उपधारा 1 के खण्ड (ख) में उल्लिखित 17 मदें (मेनुअल), जो अधिनियम के कानून बनने के 120 दिन के भीतर प्रत्येक सार्वजनिक संस्था को प्रकाशित करना जरूरी है।
- सेल संगठन का विवरण।
- अधिकारियों व कर्मचारियों के अधिकार एवं कर्तव्य।
- निर्णय की प्रक्रिया के लिए कार्रवाई, सुपरविजन व उत्तरदायित्व सहित।
- कार्यों के लिए सेल द्वारा नियत मानक।
- सेल द्वारा अपने नियंत्रण में रखे गए नियम, विनियम, निर्देश, मेनुअल और रिकार्ड जो कर्मचारी अपने कर्तव्य निर्वाहन में प्रयोग करते हैं।
- सेल के नियंत्रण मे दस्तावेजों की श्रेणी संबंधी वक्तव्य।
- सेल में जनता से विचार-विमर्श से नीति निर्धारण व उनके कार्यान्वयन के संबंध में व्यवस्था।
- दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों की ऐसी संस्थाएं, मण्डल, परिषदें, समितियां जो इसे परामर्श देने के लिए गठित की गई हों और क्या इन मण्डलों, परिषदों, समितियों तथा अन्य संस्थाओं में जनता भाग ले सकती है या इनकी बैठकों के संक्षिप्त कार्रवाई विवरण जनता को उपलब्ध हैं ?
- सेल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की डायरेक्टरी।
- सेल के प्रत्येक अधिकारी तथा कर्मचारी द्वारा प्राप्त मासिक पारिश्रमिक, कम्पनी के नियमों के अन्तर्गत मुआवजे की प्रणाली।
- प्रत्येक एजेन्सी को आबंटित बजट, जिसमें सभी योजनाओं का विवरण, प्रस्तावित व्यय तथा किए गए भुगतान का विवरण हो।
- सहायता कार्यक्रमों के कार्यान्वयन का तरीका, आबंटित राशि तथा ऐसे कार्यक्रमों से लाभान्वित व्यक्तियों का विवरण।
- सेल द्वारा दिए गए/दी गई रियायतें, परमिट, अधिकार का विवरण।
- इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में इसके पास उपलब्ध सूचना का विवरण।
इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में उपलब्ध सूचना के लिए कृपया वेबसाइट www.sail.co.in देखें। - सूचना प्राप्त करने हेतु जनता के लिए उपलब्ध सुविधाओं का विवरण जिसमें लाइब्रेरी या अध्ययन कक्ष के कार्य घण्टे बताए गए हों (यदि व्यवस्था है तो)।
कम्पनी के निगमित कार्यालय में इस प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। परन्तु, निगमित कार्य प्रमुख की पूर्व अनुमति से निचले तल पर स्थित लाइब्रेरी के प्रयोग की इजाजत दी जा सकती है। - जन सूचना अधिकारियों के नाम, पद व उनके बारे में अन्य विवरण।
- निर्धारित अन्य कोई सूचना तथा प्रति वर्ष इनका नवीनीकरण।
सेल संगठन, कार्य तथा कर्तव्यों का विवरण
भारत सरकार द्वारा दिसम्बर, 1972 में इस्पात तथा सह उत्पादों के लिए होल्डिंग कम्पनी बनाने के वास्ते लिए गए एक निर्णय के अनुसार कम्पनी अधिनियम, 1956 की व्यवस्थाओं के अन्तर्गत ‘स्टील अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया लिमिटेड’ एक कम्पनी के रूप में पंजीकृत की गई। क्योंकि भारत सरकार के पास सेल की चुकता पूँजी का 85.82 प्रतिशत है, अतः यह कम्पनी अधिनियम, 1956 की धारा 617 के अनुसार सरकारी कम्पनी कहलाती है।
सेल भारत सरकार की एक नवरत्न कम्पनी है जिसके पास 130 लाख टन कच्चा इस्पात बनाने की क्षमता निहित है।
सेल के स्वामित्व में 8 कारखाने हैं-भिलाई, दुर्गापुर, राउरकेला, बोकारो और बर्नपुर में 5 एकीकृत इस्पात कारखाने तथा सेलम, दुर्गापुर व भद्रावती में तीन स्टेनलैस व विशेष इस्पात कारखाने। चन्द्रपुर स्थित एक सहायक कम्पनी में बड़े पैमाने पर फैरो मिश्र धातु तैयार की जाती है।
कम्पनी को लौह अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक होने का गौरव भी प्राप्त है। दरअसल, देश में दूसरा सबसे बड़ा खान नेटवर्क होने के कारण सेल को लौह अयस्क, चूना-पत्थर, डोलोमाइट आदि का निजी óोत प्राप्त होने के कारण प्रतियोगिता में लाभ प्राप्त है।
इस्पात निर्माण की नवीनतम सुविधाओं से सुसज्जित होने के कारण सेल के कारखाने स्वदेशी तथा विदेशी उपभोक्ताओं की मांग अनुरूप नाना प्रकार के उच्च श्रेणी के उत्पाद तैयार करते हैं।
सेल द्वारा निर्मित विभिन्न लम्बे तथा सपाट उत्पादों की बिक्री देश में बिक्री का कार्य इसका केन्द्रीय विपणन संगठन शाखा कार्यालय तथा स्टाॅकयार्डों के विशाल नेटवर्क के माध्यम से करता है। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। नई दिल्ली स्थित अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार डिविजन निर्यात का काम करता है। ‘सेलकाॅन’, नई दिल्ली स्थित इसकी एक और इकाई है, जो दुनियार भर में लोहे तथा इस्पात तथा सह क्षेत्रों में परामर्शदात्री सेवाएं उपलब्ध कराती है। उपोत्पाद और रसायनों की बिक्री सीधे इस्पात कारखाने करते हैं।
सेल ने बाजार मांग के अनुरूप स्वयं को ढालने के लिए अपने उत्पाद-मिश्र में संतुलन बिठाया है। एपीआई श्रेणी के एचआर काॅयल/प्लेट/पाइप, कोल्ड रिडयूसरों के लिए एचआर काॅयल के अधिक उत्पादन से सेल को मूल्य-संवर्धित उत्पादों का बेहतर बाजार अंश प्राप्त करने में सफलता मिली है। अपने कुछ उत्पादों को ब्राण्ड नाम देकर, कम्पनी अपने उत्पादों की पहचान बढ़ाने में भी सफल रही है।
उपभोक्ता संतुष्टि के लिए कारोबार उपभोक्ता-उन्मुख बनाने पर जोर देकर कम्पनी मांग-अनुरूप उत्पाद कम से कम समय में सप्लाई करने पर जोर देती है। सेल ने ‘की-एकाउण्ट मेनेजमेंट’ प्रक्रिया अपनाई है और इसके अधीन देश भर के प्रमुख उपभोक्ताओं को एक ही स्थान से माल उपलब्ध कराया जा रहा है। वितरण चैनलों की निरंतर समीक्षा तथा उत्पादों पर अधिक ध्यान देने की नीति अपनाई जा रही है।
यद्यपि, सेल मुख्य रूप से देश में इस्पात की बिक्री कर रहा है, लेकिन इसने विश्व बाजार में उत्कृष्ट श्रेणी के विश्वसनीय इस्पात सप्लायर के रूप में ख्याति अर्जित की है। सेल देश के 30 से अधिक देशों में उच्च श्रेणी के इस्पात उत्पाद सप्लाई कर रहा है।
सेल अधिकारियों व कर्मचारियों के अधिकार एवं कर्तव्य
भूमिका सेल के निगमित यूनिट निम्न सामान्य कार्य करते हैं -
- कम्पनी के लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाना।
- कारखानों में कार्यरत कर्मियों से विचार-विमर्श के बाद नीति निर्धारण। सहमति से बनाई गई नीतियों के लिए कार्य योजना बनाना, उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
- उद्देश्यों, लक्ष्यों तथा कार्य योजनाओं के संबंध में संगठन में निष्ठा भाव प्रेरित करना व उन्हें स्पष्ट रूप से सामने रखना।
- प्रत्येक कार्य क्षेत्र में निष्पादन मानकों का विकास तथा निरंतर बेहतर मानकों के लिए लोगों को तैयार करना।
- वर्तमान उपलब्ध साधनों का अधिकतम उपयोग व सहज तथा कुशल संचालन सुनिश्चित करना। कम्पनी के योजनाबद्ध विकास व लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करना जिससे कम्पनी में अत्यन्त कुशलतापूर्वक कार्य सम्भव हो।
- लक्ष्यों को ध्यान में रखकर प्रत्येक यूनिट के कार्य-निष्पादन की समीक्षा तथा जहाँ आवश्यक हो आवश्यक कार्रवाई का सुझाव।
- विभिन्न कारखानों के कार्य में तालमेल बैठाना। अन्तर-कारखाना विचार-विमर्श में सुधार लाना, ज्ञान का प्रसार तथा कम्पनी के कार्यों में एकजुटता लाना।
- समस्याओं के पूर्वानुमान से कारखानों की सहायता करना तथा उनके कार्यों में सुधार लाना।
- वित्त का केन्द्रीयकृत नियंत्रण।
- महत्वपूर्ण कच्चे माल की खरीद/आयात।
- कारखानों के प्रबन्ध निदेशकों को प्राप्त अधिकार से अधिक के पूँजीगत निवेशों के बारे में निर्णय।
- सभी बाह्य एजेन्सियों, केन्द्रीय व राज्य सरकारों, मंत्रालयों, रेलवे, सप्लायरों से कम्पनी के बेहतर संचालन के लिए समन्वयन।
- कम्पनी में योग्य प्रबन्धक केडर व निष्ठावान कर्मी दल का विकास।
- कम्पनी के सभी स्तरों पर आंकड़ों का बैंक व प्रबंधन सूचना सेवा का विकास जिससे समस्या का पता लगाने व उसके समाधान में सहायता मिले।
- आम जनता में कम्पनी की निगमित छवि बनाने के लिए सभी सम्पर्क साधनों का उपयोग।
- प्रत्येक निगमित यूनिट के कार्यों का विवरण आगे के पृष्ठों में दिया गया है।
निगमित आयोजन
- सेल के लिए दीर्घकालीन रणनीति तैयार करने में मुख्य कार्यकारी ही सहायता।
- सेल/प्रत्येक कारखाने/यूनिट में दीर्घकालीन रणनीति बनाने के लिए विशेष व्यवस्था स्थापित करना।
- संगठन में आयोजन संस्कृति के विकास के लिए कार्य योजनाएं तैयार करना।
- एकीकृत दृष्टिकोण के लिए दीर्घकालीन, मध्यमकालीन तथा लघुकालीन योजनाओं को एक सूत्र में बांधने के लिए प्रणाली का विकास।
- योजनाओं पर नजर रखना, उनके कार्यान्वयन तथा निरंतर आधार पर उनका नवीकरण करते रहना।
परिचालन निदेशालय
उत्पादन, आयोजन व नियंत्रण
तकनीकी-आर्थिक और गुणवत्ता
कच्चा माल तथा आधारभूत सुविधाएं
मरम्मत व रखरखाव के लिए आयोजन
अन्य
निर्णय प्रक्रिया के लिए कार्रवाई, सुपरविजन व उत्तरदायित्व चैनल
सेल प्रतियोगी पर्यावरण में कार्य कर रही एक वाणिज्यिक संस्था है। इसे दोनों, स्वदेशी एवं विदेशी उत्पादकों से प्रतियोगिता का सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों में बने रहने के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया की गति अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। यह ठीक है कि कम्पनी में निर्णय लेने के लिए परिभाषित प्रणाली मौजूद है, परन्तु हर समय इस पर कड़ाई से अमल नहीं किया जा सकता। आमतौर पर, ऐसे प्रस्ताव जिन पर निर्णय लिया जाना है उपयुक्त स्तर पर वित्तीय पक्षों व उनके महत्व तथा समय सीमा के आधार पर कार्यपालकों द्वारा शुरू किए जाते हैं। सामान्य तौर पर प्रस्ताव सहायक प्रबन्धक/उप प्रबन्धक/प्रबन्धक के स्तर पर शुरू होते हैं। इन्हें संयुक्त निदेशक/अतिरिक्त निदेशक/कार्यपालक निदेशक/निदेशक/ अध्यक्ष द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है। स्वीकृति कौन देगा यह अधिकारियों को प्रदत्त स्वीकृति आधिकार पर निर्भर होता है। जो प्रस्ताव अध्यक्ष के अधिकारों से बाहर होते हैं उन्हें स्वीकृति निदेशक मण्डल प्रदान करता है।
प्रयास यह किया जाता है की स्वीकृति प्रदानकर्ता अधिकारी के पास पहुंचने से पूर्व प्रस्ताव कम से कम तीन स्तरों से होकर गुजरे। प्रस्ताव पर वरिष्ठ प्रबन्धक/वरिष्ठ उपनिदेशक के स्तर पर भी विचार किया जाता है। आवश्यकता होने पर यह वित्त विभाग से प्रदत्त अधिकारों के आधार पर उपयुक्त स्तर पर स्वीकृति के लिए जाता है। यदि मामले दो से अधिक विभागों में विचारार्थ होते हैं तो निर्णय तेजी से करने के लिए सम्बद्ध विभागों के उपयुक्त स्तरों के कार्यपालकों की बहु-विभागीय समिति का गठन किया जाता है। जहां तक सम्भव हो एक ही विभाग में या विभागों के बीच लिखित में विरोधात्मक तर्कों से दूर रहा जाता है।
अपने कार्यों के लिए सेल द्वारा नियत मानक
क्रम संख्या | अधिकार प्रकृति | अति. निदेशक या समकक्ष/मुख्य सत. अधिकारी संयुक्त निदेशक/ परामर्शदाता/ सचिव |
उप-निदेशक/ वरि. प्रबंधक/ अति. मुख्य सतर्कता अधिकारी |
प्रबन्धक/ उप प्रबंधक/ उप सचिव |
सहा. सचिव/ वरिष्ठ कार्यपालक/ कार्यपालक |
---|---|---|---|---|---|
अपने अधीन कार्यरत कर्मियों के लिए |
|||||
1 | आकस्मिक तथा प्रतिबंधित अवकाश की अनुमति |
पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | अपने अधीन कार्यरत कर्मियों के लिए पूर्ण अधिकार |
2 | अर्जित/कम्यू./ अर्ध-वेतन अवकाश/ ईओएल |
पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | - |
3 | नियमों के अधीन समरोपरि भत्ते की अनुमति |
पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | - |
4 | यातायात भत्ते एवं सरकारी व अन्य यात्रा स्वीकृति |
पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | अपने अधीन कार्यरत कर्मियों के लिए पूर्ण अधिकार |
- |
5 | हवाई या हकदारी से अधिक श्रेणी में यात्रा के लिए स्वीकृति |
पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | - | - |
6.(क) | एलटीसी, सरकारी यात्रा और नियमों के अनुसार चिकित्सा सुविधा के लिए अग्रिम प्राप्त करने के लिए स्वीकृति |
पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | अपने अधीन कार्यरत कर्मियों के लिए पूर्ण अधिकार |
6.(ख) | अस्थायी अग्रिम के लिए प्रार्थना की सिफारिश |
पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | पूर्ण अधिकार | अपने अधीन कार्यरत कर्मियों के लिए पूर्ण अधिकार |
सेल के नियंत्रण में नियम, विनियम, निर्देश, मेनुअल और रिकार्ड जो कर्मचारी अपने कर्तव्य निर्वाहन में प्रयोग करते हें
कार्मिक मेनुअल
(कार्मिक नीतियां तथा नियम)
खण्ड 1: मानव संसाधन नीति
- भर्ती नीति
- कार्यपालक कार्य निष्पादन समीक्षा प्रणाली
- कार्यपालक पदोन्नति नीति व नियम
- चिकित्सा कार्यपालकों के लिए पदोन्नति नीति व नियम
- गैर कार्यपालकों को कार्यपालक केडर में पदोन्नति एवं पुष्टि के लिए प्रणाली
- कार्यपालकों के प्रोबेशन और कन्फरमेशन के लिए नीति
- सेल के भीतर समयबद्ध पोस्टिंग की नीति
- लिअन और डेप्यूटेशन तथा रिटेंशन
- डेप्यूटेशन की मानक शर्तें
- अन्य सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को अथवा वहां से सेल में स्थानांतरण पर लाभ
- विदेशी यात्रा एवं कार्य के सम्बन्ध में नीतिगत मार्गदर्शी सिद्धान्त
- कार्यपालकों के लिए समय से पूर्व सेवानिवृत्ति योजना।
खण्ड 2: कर्मचारी प्रतिपूर्ति प्रणालियां
- कार्यपालक वेतन ढांचा
- गैर कार्यपालक वेतन ढांचा
- वार्षिक वेतन वृद्धि नियम
- वेतन निर्धारण नियम
- नगर क्षतिपूर्ति भत्ता
- स्थानीय यातायात व्यय
- यातायात भत्ता नियम
- सेल अवकाश नियम
- आकस्मिक अवकाश नियम
- वेतन की एवज में नकदी
- अवकाश यातायात रियायत
खण्ड 3: कर्मचारी प्रोत्साहन योजनाएं
- कार्यपालकों को उच्च विशेषज्ञता प्राप्त शिक्षा/प्रशिक्षण के लिए प्रायोजित करने संबंधी योजना
- व्यावसायिक योग्यताएं प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन योजना
- राष्ट्रीय और अखिल भारतीय पुरस्कार विजेताओं के लिए प्रोत्साहन योजना
- छोटे परिवार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना
- दीर्घ सेवा पुरस्कार
- हिन्दी के प्रसार तथा प्रगामी उपयोग के लिए प्रोत्साहन योजना
- कार्यालय में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्यालयीन हिन्दी डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रोत्साहन योजना
खण्ड 4: कर्मचारी कल्याण योजनाएं एवं अनुलाभ
- भवन निर्माण अग्रिम
- मोटर-गाड़ी की खरीद के लिए अग्रिम
- साइकिल की खरीद के लिए अग्रिम
- कर्मचारियों के मुख्यालय में उपलब्ध न होने वाली चिकित्सा के लिए किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति
- छात्रवृत्ति योजनाएं
- सेवा निवृत्ति प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के लिए विदाई योजना
- अन्तिम संस्कार पर खर्च के लिए सहायता
- जीवन बीमा योजना
- कर्मचारी परिवार लाभ योजन
- ग्रेच्यूटी नियम
- प्रोविडेन्ट फण्ड नियम
खण्ड 5: आचार, अनुशासन और अपील नियम
- सेल में आचार, अनुशासन और अपील नियम
खण्ड 6: विविध
- उपनाम में परिवर्तन
- जन्म तिथि का प्रमाणीकरण
खरीद/ठेका प्रणाली
- भूमिका
- निविदाएं आमंत्रित करना
- माल की खरीद के लिए
- कार्य ठेकों के लिए
- अनुमानित मूल्य
- निविदाओं की जांच
- सामग्री प्रबंधन विभाग/ठेका कक्ष द्वारा निविदाओं पर कार्रवाई
- निविदाओं का स्वरूप
- खुली/विश्वव्यापी निविदा
- सीमित निविदा आमंत्रण
- एक ही निविदा का आमंत्रण (एक ही स्वामित्व वाली मदों के लिए)
- दोबारा दिए गए आॅर्डर
- वे ठेके जिनकी दर निर्धारित रहती है (स्वयं)
- डीजीएस एण्ड डी ठेका दरें
- आपात खरीद/कार्य ठेके
6. निविदाओं का आमंत्रण
- निविदा दस्तावेज
- निविदा आमंत्रित करने के तरीके
- निविदा समितियों का गठन
- प्रस्तावों की प्राप्ति और उन्हें खोलना
- अग्रिम राशि (इएम)
- अग्रिम राशि की वापसी
- कोटेशनों की जांच
- एक भाग वाले कोटेशन
- दो/तीन भाग वाले कोटेशन
- प्राप्त कीमतों से सम्बन्धित तुलनीय वक्तव्य
- खरीद/ठेका प्रस्ताव
- कीमत पर विचार-विमर्श
- एकपक्षीय आॅर्डर
- बहु-पक्षीय आॅर्डर
- आजमाइशी तौर पर खरीद/कार्य आॅर्डर
- खरीद/कार्य ठेकों के लिए आॅर्डर जारी करना
- डिलीवरी/ठेका अवधि का विस्तार तथा क्षतिपूर्ति सम्बन्धी नियम
- निविदा की स्वीकृति में संशोधन (खरीद/ठेका आॅर्डर)
- अदायगी की शर्तें
- खरीद वाले मामलों में
- कार्य ठेकों के मामले में
- कर
- खरीद/कार्य आॅर्डर तथा जोखिम भरे खरीद/कार्य आॅर्डर का निरस्तीकरण
- विक्रेताओं का विकास
- बिलों का भुगतान
- ठेकों की समाप्ति
- सप्लायरों/ठेकेदारों पर प्रतिबन्ध
- सामान्य
लेखा मेनुअल
तुलन-पत्र
निधियों के óोत
शेयरधारियों की निधि
1 शेयर पूंजी
- अधिकृत पूंजी
- जारी/अभिदत्त/चुकता शेयर पूंजी
- आबंटन से पूर्व शेयर प्रार्थना राशि
2. आरक्षित तथा अधिशेष
- पंूजी आरक्षित
- प्रधानमन्त्री ट्राॅफी पुरस्कार निधि
- शेयर प्रीमियम लेखा
- निवेश भत्ता आरक्षण
- बाॅण्ड/डिबेंचर मोचन आरक्षण
- सामान्य आरक्षण
- लाभ एवं हानि लेखा के अनुसार अधिशेष
ऋण निधिया
3. सुरक्षित ऋण
- बैंकों से कार्य पूंजी उधार
- बैकों/वित्तीय संस्थानों से सावधि ऋण
- गैर परिवर्तनीय बाॅण्ड
- अन्य सुरक्षित ऋण
4. गैर सुरक्षित ऋण
- सार्वजनिक जमा
- भारत सरकार से ऋण
- भारतीय इस्पात विकास से ऋण
- विदेशी ऋण
- अन्य ऋण
सेल के नियंत्रण में दस्तावेजों की श्रेणी संबंधी वक्तव्य
1. समझौता ज्ञापन (एमओयू)
सेल और इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार के बीच 2005-06 के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसमें कम्पनी को विश्व श्रेणी की कम्पनी बनाने तथा भारतीय इस्पात कारोबार में गुणवत्ता लाभ तथा उपभोक्ता सन्तुष्टि की दृष्टि से सबसे आगे ले जाने की परिकल्पना की गई है। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए कम्पनी ने 2012 निगमित योजना, जो विकास का मार्ग दर्शाती है, तैयार की है। योजना दो चरणों के लिए है। प्रथम 2006-07 और फिर 2011-12 के लिए। यह दसवीं और ग्यारहवीं योजना के अनुरूप चलाई जाएगीं।
इस दस्तावेज में योजना के प्रमुख लक्ष्य व उद्देश्य, लक्ष्यों के मूल्यांकन के लिए मानक तथा इस्पात मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले सहायता तथा वायदों का उल्लेख किया गया है। साथ ही, एमओयू पर नजर रखने और उस पर कार्रवाई के लिए भी कार्य योजना बनाई गई है।
2. मेमोरेन्डम आॅफ एसोसिएशन और आर्टिकल आॅफ एसोसिएशन
(24 जनवरी 1973 को कम्पनी अधिनियम, 1956 के अधीन पंजीकृत)
इस दस्तावेज में सेल द्वारा कम्पनी अधिनियम, 1956 के अनुरूप उसके ढांचे, उद्देश्य और परिचालन की व्याख्या की गई है।
3. वार्षिक प्रतिवेदन
इस प्रतिवेदन में गत वित्तीय वर्ष में कम्पनी के कुल कार्य निष्पादन पर निदेशकों का प्रतिवेदन होता है। इसमें सभी यूनिटों और सहायक कम्पनियों में उत्पादन तथा उनके वित्तीय कार्य निष्पादन का भी ब्यौरा दिया जाता है। प्रतिवेदन में कम्पनी के लेखा परीक्षित, वित्तीय लेखे, व्यय तथा लाभ/हानि वक्तव्य भी शामिल किया जाता है।
सेल में जनता से विचार-विमर्श से नीति निर्धारण व उनके कार्यान्वयन के संबंध में व्यवस्था
1. निगमित कार्य प्रमुख
निगमित कार्य विभाग
स्टील अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया लिमिटेड,
इस्पात भवन
लोदी रोड
नई दिल्ली-110003
2. क्षेत्रीय प्रबन्धक
केन्द्रीय विपणन संगठन
उत्तरी क्षेत्र
क्षेत्रीय कार्यालय
14वीं मंजिल, हिन्दुस्तान टाइम्स हाउस
कस्तूरबा गांधी मार्ग
नई दिल्ली-110003
3. जन सूचना अधिकारी
स्टील अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया लिमिटेड,
इस्पात भवन
लोदी रोड
नई दिल्ली-110003
दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों की ऐसी संस्थाएं, मण्डल, परिषदें, समितियां जो इसे परामर्श देने के लिए गठित की गई हों और क्या इन मण्डलों, परिषदों, समितियों तथा अन्य संस्थाओं में जनता भाग ले सकती है या इनकी बैठकों के संक्षिप्त कार्रवाई विवरण जनता को उपलब्ध हैं
क. इस्पात उद्योग के लिए राष्ट्रीय संयुक्त समिति (एनजेसीएस)
1. अक्टूबर, 1969 में लोहे और इस्पात पर औद्योगिक समिति के दूसरे अधिवेशन में लिए गए निर्णयों के अनुसार इस्पात उद्योग के लिए संयुक्त वेतन विचार-विमर्श समिति गठित की गई जिसे बाद में राष्ट्रीय संयुक्त समिति (इस्पात उद्योग के लिए एनजेसीएस) का नाम दिया गया। समिति ने 27-10-1970 में इस्पात उद्योग के कर्मियों के लिए वेतन और अनुलाभ के सम्बन्ध में एक समझौता ज्ञापन किया। यह समझौता हिन्दुस्तान लिमिटेड, टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (टिस्को) जो एक निजी क्षेत्र की कम्पनी है, इण्डियन आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (इस्को) और तत्कालीन एमआईएसएल जिसे अब विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील प्लांट (वीआईएसपी) के नाम से जाना जाता है, के कर्मचारियों पर लागू हुआ। समिति का गठन श्रम मंत्रालय के तत्वावधान में किया गया तथा तत्कालीन उप-मुख्य श्रम आयुक्त (आई), इस समिति के सचिव थे।
2. तत्कालीन इस्पात तथा खान मंत्री, स्वर्गीय श्री मोहन कुमारमंगलम के नेतृत्व में फरवरी, 1971 में यह निर्णय किया गया कि समिति श्रम मंत्रालय की सहायता के बिना स्वतंत्र रूप से कार्य करेगी। यह कर्मियों के प्रतिनिधियों से अंशदान सहित अपनी अलग से निधि तैयार करेगी। अक्टूबर, 1970 में पहले समझौते पर हस्ताक्षर करने के पश्चात् समिति का कार्यक्षेत्र बढ़ा दिया गया और यह संयुक्त विचार-विमर्श समिति के नाम से ही कार्य करती रही। समिति समझौते के कार्यान्वयन तथा उद्योग में सामान्य समस्याओं के निवारण के लिए भी कार्य करती रही। तब से समिति ने अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं।
3. एनजेसीएस स्वयं अपने कार्य और शर्तों को अन्तिम निर्णय देता है। समय-समय पर इसके कार्यक्षेत्र का विस्तार किया गया है और इस समय यह निम्न क्षेत्रों में योगदान दे रहा है:-
- (i) वेतन निर्धारण और उसके कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श।
- (ii) उत्पादन, उत्पादकता में वृद्धि के लिए किए जाने वाले उपायों के सम्बन्ध में विचार।
- (iii) गुणवत्ता, लागत में कमी तथा माल खराबी में कमी सम्बन्धी मामले।
- (iv) कल्याण सुविधाओं की समीक्षा।
- (v) वे मामले, जहां सरकार द्वारा तुरन्त ध्यान देने की आवश्यकता है, और
- (vi) इस्पात उद्योग तथा इसके कर्मचारियों से सम्बन्धित ऐसा कोई भी मामला जिसके बारे में समय-समय पर एनजेसीएस में सहमति हुई हो।
सेल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की डायरेक्टरी
इस्पात भवन, लोदी रोड, नई दिल्ली - 110 003 (एसटीडी-011) ईपीबीएएक्स . इस्पात भवन - 011-24300100, 24367481.86, फैक्स: 011-24367015, ईपीबीएएक्स स्कोप मीनार - 011- 22467360, 7384, 7412, 7413, 7418, 7420, 7425, फैक्स - 011-22467458
Name&Designation S/Shri | Office Telephone | Email ID |
Anil Kumar Chaudhary Chairman |
24367282 24368094 |
chairman[dot]sail[at]sailex[dot]com |
Dr. G. Vishwakarma Director (Projects & BP) |
24362897 24362898 |
director[dot]pbp[at]sail[dot]in |
Ms. Soma Mandal Director (Commercial) |
24365918 24365793 |
dc[dot]sail[at]sail[dot]in |
Atul Srivastava Director (Personnel) |
24367259 24368097 |
director.presonnel[at]sail[dot]in |
Harinand Rai Director (Technical) |
24367105 24363358 |
director[dot]technical[at]sail[dot]in |
Vivek Gupta Director (Raw Materials & Logistics) |
24366219 24366717 |
director[dot]rml[at]sail[dot]in |
Amit Sen Director (Finance) |
24368092 24369203 |
director[dot]finance[at]sail[dot]in |
A J Kurian IFoS, CVO |
24367068 | cvo[at]sail[dot]in |
Tejveer Singh ED (P, E. & SAILCON) |
22531242 | tejveer[dot]singh[at]sail[dot]in |
Ram Gopal ED (CMMG) |
22449323 | edcmmg[at]sail.in |
S Sitapati ED (Vigilance) |
24367885 | s[dot]sitapati1[at]sail[dot]in |
A Devadas ED (Operations) |
24366740 | a[dot]devadas[at]sail[dot]in |
Sanjay Sharma ED (Projects) |
22464595 | sanjay[dot]sharma[at]sail[dot]in |
K K Singh ED (P&A) |
24367812 | kksingh[at]sail[dot]in |
Rajesh Bhasin ED (Internal Audit) |
22242129 | Rajesh[dot]bhasin[at]sail[dot]in |
Ms Sumita Dutta ED (Corporate Affairs) |
24367285 24367211 |
sumita[dot]dutta[at]sail[dot]in |
R K Srivastava ED (Chairman`s Sectt.) |
24368369 | rabindra[at]sail[dot]in |
Achintya Kumar Sinha ED (Law) &PLO |
24367395 24465240 |
achintya[at]sail[dot]in aksinha63[at]gmail[dot]com |
B Mishra ED (CIG) |
24368093 22528211 |
basudavm[at]sail[dot]in |
Mahabub Hasan Siraji ED (C & IT) |
22441948 | mhasan[dot]siraj[at]sail[dot]in |
Mukesh Saxena CGM (CRMG) |
2436 7776 | mukesh[at]sail[dot]in |
Vinay Kumar CGM (Administration) |
24366506 | vinay[dot]kumar[at]sail[dot]in |
Neeraj Sharma CGM (Corporate Planning) |
24369739 | neeraj[dot]sharma[at]sail[dot]in |
Jibanmoy Roy CGM (Operations-SLCC) Kolkata |
033-2288 0846 | jibanmoy.roy[at]sail[dot]in |
Sunil Gupta CGM (Vigilance) |
22015247 | sunilgupta[at]sail[dot]in |
Shri Gautam Bhatia CGM (Personnel) |
24367812 | gautam[dot]bhatia[at]sail[dot]in |
Amarendu Praksh CGM (Chairman's Sectt.) |
24368369 2436 7034 |
amarendu[at]sail[dot]in |
S Jawed Ahmed CGM (Chairman's Sectt.) |
24367122 24367030 |
sj[dot]ahmed[at]sail[dot]in |
B R Babu CGM (Operations) |
24367539 | br[dot]babu[at]sail[dot]in |
S Ravichandran CGM (Internal Audit) |
22448928 | sravichandran[at]sail[dot]in |
Joydeep Dasgupta CGM (ICVL) |
24364804 24300106 |
joydeep[dot]dasgupta[at]sail[dot]in |
Dr. Ashok Kumar Panda CGM (F & A) |
24363037 | ashok[dot]panda[at]sail[dot]in |
सेल के प्रत्येक अधिकारी तथा कर्मचारी द्वारा प्राप्त मासिक पारिश्रमिक, कम्पनी के नियमों के अन्तर्गत मुआवजे की प्रणाली
सेल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को प्राप्त मासिक पारिश्रमिक तथा इसके नियमों में उपलब्ध क्षतिपूर्ति प्रणाली नीचे बताई गई है।
सभी कर्मचारी एस-1 से एस-11 तथा ई-0 से ई-9 के वेतनमान में आते हैं:-
गैर-कार्यपालक | कार्यपालक | ||
---|---|---|---|
श्रेणी | वेतनमान | श्रेणी | वेतनमान |
एस-1 | 4000-80-5600 | ई-0 | 8600-250-14600 |
एस-2 | 4000-86-4682-91-5865 | ई-1 | 10750-300-16750 |
एस-3 | 4170-93-4821-98-6095 | ई-2 | 13700-350-18250 |
एस-4 | 4300-104-5028-110-6458 | ई-3 | 16000-400-20800 |
एस-5 | 4500-118-5326-126-6964 | ई-4 | 17500-400-22300 |
एस-6 | 4800-133-5731-140-7551 | ई-5 | 18500-450-23900 |
एस-7 | 5100-148-6136-156-8164 | ई-6 | 19000-450-24400 |
एस-8 | 5400-163-6541-170-8751 | ई-7 | 19500-450-25350 |
एस-9 | 5800-179-7053-186-9471 | ई-8 | 20500-500-26500 |
एस-10 | 6400-200-11400 | ई-9 | 23750-600-28550 |
एस-11 | 7500-230-13250 |
कम्पनी के मार्गदर्शी सिद्धान्तों के अनुरूप पारिश्रमिक तथा क्षतिपूर्ति:
प्रत्येक कर्मचारी के पारिश्रमिक और उसे प्राप्त क्षतिपूर्ति का मासिक वक्तव्य वित्त विभाग के पास उपलब्ध है।
सेल की प्रत्येक एजेन्सी को आबंटित बजट, जिसमें सभी योजनाओं का विवरण,
प्रस्तावित व्यय तथा किए गए भुगतान का विवरण हो
(करोड़ रुपये)
यूनिट | 2007-08 | 2008-09 | ||
---|---|---|---|---|
संशोधित अनुमान | वास्तवित व्यय | बजट अनुमान | ||
भिलाई | 700 | 634 | 1149 | |
दुर्गापुर | 180 | 150 | 336 | |
राउरकेला | 160 | 256 | 719 | |
बोकारो | 340 | 380 | 791 | |
इस्को स्टील प्लांट | 490 | 633 | 1111 | |
मिश्र इस्पात कारखाना | 20 | 28 | 60 | |
सेलम | 50 | 44 | 230 | |
वीआईएसएल | 10 | 8 | 58 | |
कच्चा माल डिवीजन | 35 | 34 | 150 | |
केन्द्रीय यूनिट | 18 | 12 | 60 | |
योग (क) | 2003 | 2179 | 4664 | |
एमईएल | 4 | 2 | 10 | |
योग (ख) | 4 | 2 | 10 | |
योग (क + ख) | 2007 | 2181 | 4674 |
+केन्द्रीय यूनिटों में आरडीसीआईएस, सीएमओ, सीओ (कुल्टी वक्र्स सहित) और सेट शामिल हैं।
यूनिट: निगमित कार्यालय
आबंटन के विरुद्ध पूंजीगत व्यय के लिए आबंटित बजट और वास्तविक व्यय:
यूनिट | 2005-06 के लिए बजट अनुमान | अपै्रल से अगस्त 2005 में वास्तविक व्यय | |
---|---|---|---|
स्कोप मीनार-सूचना टेक्नोलाॅजी आधारभूत सुविधाएं |
1.50 | 0.22 | |
योजनाएं जिन्हें स्वीकृति प्रदान नहीं की गई थी |
0.50 | 0.00 | |
Total | 2.00 | 0.22 |
सहायता कार्यक्रमों के कार्यान्वयन का तरीका, आबंटित राशि तथा ऐसे
कार्यक्रमों से लाभान्वित व्यक्तियों का विवरण
लघु उद्योगों को इस्पात का सामान रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है तथा संयुक्त कारखाना समिति रियायत की राशि की प्रतिपूर्ति कम्पनी को करती है।
इससे लाभान्वित लघु उद्योग हैं।
सेल द्वारा दिए गए/दी गई रियायतें, परमिट, अधिकार का विवरण
लागू नहीं।
इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में इसके पास उपलब्ध सूचना का विवरण
इलेक्ट्रोनिक स्वरूप में रखी गई सूचना के लिए कृपया वेबसाइट www.sail.co.in देखें।
सूचना प्राप्त करने हेतु जनता के लिए उपलब्ध सुविधाओं का विवरण जिसमें लाइब्रेरी या अध्ययन कक्ष के कार्य घण्टे बताए गए हों (यदि व्यवस्था है तो)
कम्पनी के निगमित कार्यालय में इस प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। परन्तु, निगमित कार्य प्रमुख की पूर्व अनुमति से निचले तर पर स्थित लाइब्रेरी के प्रयोग की इजाजत दी जा सकती है।
जन सूचना अधिकारियों के नाम, पद व उनके बारे में अन्य विवरण
और अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न से सम्पर्क करें:
जन सूचना अधिकारी | |
1. | जी.जी. गौतम सहायक महाप्रबंधक (कार्मिक) स्टील अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया लिमिटेड स्कोप मीनार, नार्थ टाॅवर, 16वां तल, लक्ष्मी नगर, डिस्ट्रिक्ट सेन्टर, दिल्ली-110092 टेलीफोन: (011) 22531219/22403184 फैक्स: (011) 22467458/24365853 ई-मेल: pio@sailex.com |
सहायक जन सूचना अधिकारी | |
2. | कुसुम भगत प्रबंधक (कार्मिक) स्टील अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया लिमिटेड स्कोप मीनार, उत्तरी टॉवर,, 16वां तल, लक्ष्मी नगर, डिस्ट्रिक्ट सेन्टर, नई दिल्ली-110092 टेलीफोन: (011) 22403185 फैक्स:(011) 22467458/24365853 |
निर्धारित अन्य कोई सूचना तथा प्रति वर्ष जिसका नवीनीकरण होना हो
लागू नहीं।