रांची - ”सेल अनवरत विकास की अपनी आधारशिला का इस्तेमाल एक वैश्विक निर्माता बनने के लिए कर रहा है“। सेल अध्यक्ष श्री सी.एस. वर्मा ने आज यहां ‘अनवरत निगमित विकास की प्राप्तिः टेक्नोलाॅजी एवं प्रबंधन में नये क्षेत्रों की तलाश‘ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमीनार के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए यह कहा। महारत्न सेल और राष्ट्रªीय मानव संसाधन विकास नेटवर्क द्वारा सेल के प्रबंध प्रशिक्षण संस्थान में संयुक्त रूप से आयोजित इस सेमिनार में विश्व भर के शैक्षणिक एवं उद्योग जगत से जुड़े विभिन्न देशों से लगभग 500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सेमिनार के उद्घाटन सत्र में प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री एवं संयुक्त राज्य अमरीका में भारत के पूर्व राजदूत श्री आबिद हुसैन मुख्य अतिथि थेे। इस अवसर पर कंपनी मामले मंत्रालय के पूर्व सचिव, श्री आर. बंद्योपाध्याय और सेल के निदेशक (कार्मिक) श्री बी. बी. सिंह भी उपस्थित थे ।
यह बताते हुए कि “बिना सोच विचार के संसाधनों का इस्तेमाल करने के दिन लद गये,” श्री वर्मा ने कहा कि ”अनेक प्रतिष्ठित कंपनियों ने अनवरत विकास को एक प्रमुख निगमित रणनीति एवं अभिनव प्रयासों हेतु एक ऐसे सूत्रधार के रूप में अपना लिया है, जिससे कंपनी हर दृष्टि से लाभान्वित होती है“। अनवरत विकास को साकार करने के लिए निगमित घरानों को जिन विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिये, उन पर विस्तार से बोलते हुए, उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों को बताया कि भारतीय इस्पात उद्योग भी समन्वित प्रयास कर रहा है और अधिकतम अनवरत प्रविधियों की दिशा में बहुआयामी रणनीति अपना रहा है।
श्री वर्मा ने कहा कि सेल पर्यावरण संरक्षण के मोर्चे पर, जो अनवरत विकास हेतु एक प्रमुख मानक है, विगत छह वर्षों के दौरान समन्वित पहल एवं प्रयासों के जरिये भारी सफलता प्राप्त करने मे समर्थ रहा है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2010-11 में सेल के कारखानों द्वारा प्रतिटन कच्चे इस्पात के उत्पादन में वायु उत्सर्जन घट कर 1.12 किलोग्राम रहा, जो 55 प्रतिशत की कटौती है। प्रति टन तैयार इस्पात पर विशिष्ट कचरा डिस्चार्ज 2.5 घनमीटर प्राप्त किया गया, जो 16 प्रतिशत की कटौती है। एकीकृत इस्पात कारखानों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर निरंतर बल देने से लगभग 16 प्रतिशत सुधार हुआ है । वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान सेल के कारखानों और खानों में एवं आसपास लगभग 0.18 मिलियन पौधे रोपे गये, जिसके फलस्वरूप अब तक कुल 17.67 मिलिटन टन पौध रोपण हो गया है ।
श्री आबिद हुसैन ने अपने संबोधन में कहा कि नये निगमित मंत्र ”कुछ के बजाय अधिक के लिए संसाधनों को अधिकतम करने” पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने अनवरत विकास के मुख्य मसलों के रूप में “वितरक न्याय, विकास एवं समेकित विकास” को रेखांकित किया। इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व सचिव श्री बंद्योपाध्याय ने प्रतिनिधियों से निवेदन किया कि वे ”दिमाग में बड़ी संकल्पना रखें और कुछ अलग सोचें“।
इस सेमिनार का उद्देश्य चुनौतियों को परखने और अनवरत विकास के प्रभावी दृष्टिकोण में गहराई से जाने, अनुभव के आदान-प्रदान द्वारा की पहल की मूल्यवत्ता बढ़ाने और संगठनों एवं संस्थाओं के लिए संभावित समाधानों के रूप में आम दृष्टिकोण एवं रणनीतियां तैयार करना है।