नई दिल्ली : केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा ने आज उद्योग भवन में आयोजित एक समारोह में लन्दन ऑलम्पिक में भाग लेने जा रहे दो भारतीय पहलवानों, सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त को गर्मजोशी के साथ विदा किया. सुशील कुमार 27 जुलाई 2012 को लन्दन ऑलम्पिक के उद्-घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होगें. इस्पात मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम महारत्न स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल), इन दोनों पहलवानों के प्रशिक्षण और अन्य ज़रूरतों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रहा है.
ऑलम्पिक में उन्हें सफलता की शुभकामना देते हुए, इस्पात मंत्री ने पहलवानों से निवेदन किया कि वे देश के लिये पदक लेकर लौटें और उन्होंने खेल को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका के लिये सेल की सराहना की. उन्होंने आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए खिलाडियों की तैयारी के बारे में जानकारी ली. सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा ने भी पहलवानों को जीत के लिए शुभकामना दी और कहा कि सेल को अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है तथा देश के लिए गौरव हासिल करने का ज़ज्बा है.दोनों पहलवानों को इंगित करते हुए सेल अध्यक्ष ने आगे कहा, “ ये दोनों खिलाड़ी हमारे देश के सभी उभरते खिलाडियों के लिए एक उम्मीद और विश्वास के प्रतीक हैं तथा सेल ऐसी प्रतिभाओं को पहचानने तथा उन्हें निखारकर अंतरराष्ट्रीय स्तर प्राप्त करने के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध है”
सुशील कुमार चार साल पहले अपने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन की वजह से सेल की नज़र में आये.वर्ष 2006 के दोहा एशियन गेम में लेओनिड स्प्रिदोनोव (कज़ाखस्तान) को हराकर कांस्य पदक हासिल करने वाले, इस पहलवान को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया. सेल ने इसके बाद से इन्हें सहायता प्रदान करना शुरू किया जबकि इस समय सुशील कुमार का इतना नाम नहीं था. इसके साथ ही सेल ने योगेश्वर दत्त समेत दो अन्य पहलवानों को भारतीय खेल के इतिहास में अपना गौरवपूर्ण स्थान बनाने में सहायता प्रदान की. सेल के सुशील कुमार की क्षमता में जो भरोसा जताया, उसे इस पहलवान बी ने बीजिंग ऑलम्पिक 2008 में पुरुषों के 66 किलोग्राम वर्ग की फ्री स्टाइल प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक, 2010 में विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक और नई दिल्ली में 2010 में आयोजित कामनवेल्थ खेल में 66 किलोग्राम वर्ग की फ्री स्टाइल प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर सही साबित कर दिखाया. सुशील कुमार को 2006 में अर्जुन अवार्ड से और 2009 में राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया.
योगेश्वर दत्त ने वर्ष 2003, 2005, 2010 के क्रमश: कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और भारत में आयोजित कामनवेल्थ खेल में स्वर्ण पदक हासिल किया.इस समय वह आगामी लन्दन ऑलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने पर अपना ध्यान केंद्रित किये हुए हैं.योगेश्वर दत्त को वर्ष 2008-09 के लिए अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया है.
सेल ने अपनी स्थापना के समय से ही खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता, सही रूप में अपने इस्पात संयंत्रों में स्थापित खेल अकादमियों के जरिये साकार की है.सेल के हॉकी, फ़ुटबाल, खेल और तीरंदाजी अकादमियों के अनगिनत खिलाडियों ने देश के गौरव को बढ़ाया है.इन अकादमियों के प्रशिक्षु खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर के पूर्व खिलाडियों द्वारा अत्याधुनिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है. बिरेन्द्र लकड़ा, सेल के राउरकेला स्थित हॉकी अकादमी के पूर्व प्रशिक्षु खिलाड़ी हैं.बिरेन्द्र भी लन्दन ऑलम्पिक में भाग लेने जा रहे भारतीय हॉकी दल के सदस्य के रूप में लन्दन जा रहे हैं.
(बाएं दूसरे से दाएं) सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा, इस्पात सचिव श्री डी. आर. एस. चौधरी, केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा, पहलवान सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त अपने प्रशिक्षक यशवीर के साथ, उद्योग भवन, नई दिल्ली के इस्पात मंत्री के कार्यालय में विदाई समारोह के दौरान.