करीब 2000 करोड़ रुपये लागत की इकाईयां कमीशन प्राप्त
इस्पात सचिव श्री राकेश सिंह ने आज सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र में नई सिंटर मशीन और कोक ओवन बैटरी 11 कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उनके साथ सेल अध्यक्ष श्री सी एस वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। ये दोनों इकाइयां महारत्न कंपनी की अग्रणी इकाई में जारी आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, इसके जरिये करीब 17,265 करोड़ रुपये के निवेश से संयंत्र की तप्त धातु उत्पादन क्षमता मौजूदा 50 लाख टन प्रतिवर्ष से बढ़कर, 75 लाख प्रतिवर्ष टन हो जाएगी।
इस अवसर पर इस्पात सचिव ने दोनों परियोजनाओं को महत्वपूर्ण अपस्ट्रीम इकाइयों के रूप रेखांकित किया, जो आधुनिकीकरण के बाद संयंत्र की कच्चे माल की बढ़ती हुई जरूरत को पूरा करेंगी। उन्होंने इकाइयों के प्रचालन के लिए की गई सामूहिक प्रयास के लिए भिलाई कार्मिकों को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि इकाईयों में प्रयोग की गई अत्याधुनिक तकनीकी, उन्हें पर्यावरण अनुकूलता और ऊर्जा दक्षता में विश्वस्तरीय बनाता है।
सेल अध्यक्ष, श्री सी एस वर्मा ने कहा कि भिलाई कार्मिकों के समक्ष शेष बची सभी परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने की एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र, अपनी सामूहिक दक्षता के भरोसे विभिन्न मापदंडों में अपने लगातार प्रदर्शन के आधार पर 21 बार में से अब तक रिकार्ड 11 बार सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री ट्राफी का विजेता रहा है। उन्होंने संयंत्र के कार्मिकों की क्षमता में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भिलाई का निष्पादन इसकी अनूठी कार्य संस्कृति और उत्कृष्टता की भावना की अभिव्यक्ति है। उन्होंने आगे कहा कि भिलाई के रूप में नई सुविधाओं के चालू होने से , इस्पात उद्योग में अपनी स्थिति और मज़बूत करने के लिए एक अवसर होगा।
नई 7 मीटर लंबी कोक ओवन बैटरी, जो कि संयंत्र की कोक बनाने की क्षमता को 8.8 लाख टन प्रतिवर्ष बढ़ाएगी, पर्यावरण अनुकूल कोक ड्राई कूलिंग संयंत्र की सुविधा से युक्त है, इससे कोक गुणवत्ता बेहतर होने के अलावा प्रदूषण नियंत्रण और प्रभावी ढंग से हो सकेगा तथा हॉट कोक से ऊर्जा वापस प्राप्त की जा सकेगी। कोक ओवन बैटरी, कोक ड्राई कूलिंग प्लांट और बाई प्रोडक्ट प्लांट से युक्त कोक ओवन बैटरी 11 कॉम्प्लेक्स 1,213.11 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की गयी है।
रुपया 730 करोड़ की लागत से स्थापित नई 360 वर्गमीटर सिंटर मशीन प्रतिवर्ष 37.08 लाख टन सिंटर का उत्पादन करेगी। इस पर्यावरण अनुकूल इकाई में उच्च स्तरीय स्वचालन प्रक्रिया शामिल है। इसके साथ ही अपव्यय ऊर्जा वापस प्राप्त करने तथा धूलनिवारण की अत्याधुनिक तकनीक भी सम्मिलित है।