प्रत्येक स्वर्णपदक विजेता को 5 लाख रुपये और रजत पदक विजेता को 3 लाख रुपये देने की घोषणा
नई दिल्ली: हाल ही में सम्पन्न कॉमनवेल्थ खेलों में पहलवान सुशील कुमार, जिन्होंने 66 किलोग्राम वर्ग की फ्रीस्टाइल मुकाबले में स्वर्णपदक जीता, पहलवान योगेश्वर दत्त, जिन्होंने 60 किलोग्राम वर्ग की फ्रीस्टाइल मुकाबले में स्वर्णपदक प्राप्त किया और निशानेबाज दीपक शर्मा, जिन्होंने 50 मीटर की एयर पिस्टल प्रतियोगिता में रजत पदक को अपने नाम किया, को आज उद्योग भवन में केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने सम्मानित किया। इस्पात मंत्रालय के अधीन स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने इन तीनों खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्तिय सहायता प्रदान की।
केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने तीनों खिलाड़ियों को उनके उत्कृष्ट खेल के लिए बधाई देते हुए, दो स्वर्णपदक विजेताओं में से प्रत्येक को 5 लाख रुपया और दीपक शर्मा को 3 लाख रुपया नगद इनाम देने की घोषणा की। अपने सम्बोधन में श्री सिंह ने कहा, “ यह बहुत ही सुखद है कि खेलों के दौरान इन युवा खिलाड़ियों ने भारत की प्रतिष्ठा और गौरव की आकांक्षा को यथार्थता प्रदान की। हमें इस बात पर भी गर्व है कि सेल ने सही समय पर सही प्रतिभाओं की पहचान की और उन्हें भारत में अपने-अपने क्षेत्र का ध्वजवाहक बनने के लिए प्रोत्साहित किया।”
इस्पात मंत्री ने खेल को बढ़ावा देने के सेल के अग्रमुखी प्रयासों की प्रशंसा की और आगे चलकर देश का गौरव बढ़ाने वाली उभरती प्रतिभाओं के प्रशिक्षिण के लिए अनगिनत खेल अकादमी बनाने हेतू सेल की सराहना की।
इस अवसर पर इस्पात सचिव श्री पी. के. मिश्रा ने कहा कि खेल खुशहाली, अनुशासन और चरित्र निर्माण में सहायक है। “इसलिए खेल समाज व कम्पनियों के उत्थान का महत्वपूर्ण अंश है। हम यह आशा करते हैं कि सेल अपनी खेल अकादमियों को और मजबूत करेगा ताकि भविष्य के विजेता इन्ही अकादमियों में पोषित हों। हम यह भी आशा करते हैं कि सेल विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्र की उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगा।”
सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा ने भी पदक विजेताओं को बधाई दी और कहा कि इन्होंने राष्ट्र के गौरव को बढ़ाया है और साथ ही उनकी क्षमताओं के प्रति सेल की प्रतिबद्धता का भी मान रखा है। उन्होंने आरम्भ से खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के प्रति कंपनी के इरादे के बारे में कहा कि सेल कि यह प्रतिबद्धता उसके द्वारा उसके विभिन्न संयंत्रों में चालित खेल अकादमियों में परिलक्षित होती है। सेल खेल अकादमियों के अनेक खिलाड़ियों ने हॉकी, फुॅटबाल, एथलेटिक्स और तीरांदाजी जैसे खेलों में भारत का नाम रोशन किया। इन अकादमियों में खिलाड़ियों को भारत के जानेमाने पूर्व खिलाड़ियों द्वारा अत्याधुनिक प्रशिक्षण दिया जाता है।
राष्ट्रमण्डल खेलों में सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त करने का निश्चय कर चुके सुशील कुमार तीन साल पहले अपने अथक प्रयासों के चलते सेल की नजर में आये थे। दोहा, एशियन गेम्स 2006 में कजाकिस्तान के लीओनिड सपिरिडोनोव को हराने वाली इस छुपी हुई प्रतिभा को सेल ने उसी समय से प्रोत्साहन दिया है। सुशील के साथ दो और पहलवान, जिनमें योगेश्वर दत्त भी शामिल हैं, को भी सेल ने इतिहास में अपनी जगह बनाने में मदद की है। सुशील ने अपनी क्षमताओं से सेल के विश्वास को और मजबूत करते हुए बीजिंग में आयोजित ओलम्पिक्स में 66 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीता और हाल ही में आयोजित विश्व कुश्ती मुकाबले में स्वर्णपदक हासिल किया। सुशील कुमार को 2006 में अर्जुन पुरस्कार और 2009 में राजीव गॉंधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
वर्ष 2003 और 2005 में कनाडा और दक्षिण अफ्रीका में आयोजित राष्ट्रमण्डल खेलों में स्वर्णपदक जीतने वाले योगेश्वर दत्त ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए, खेल करियर को समाप्त कर सकने वाली घुटने की चोट पर विजय पाते हुए, दिल्ली राष्ट्रमण्डल खेलों में 60 किलोग्राम वर्ग की फ्रीस्टाइल कुश्ती में स्वर्णपदक जीता। अपनी इच्छाशक्ति और बेहतरीन प्रशिक्षण के चलते वह इस कठिनाई से पार पा सके। अब वह अपना ध्यान आगामी एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने पर केन्द्रित कर रहे हैं। दत्त ने भी वर्ष 2008-09 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त किया है।
दीपक शर्मा ने प्रमुख अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दो कांस्य और एक रजत पदक हासिल किया है। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रस्तरीय निशानबाजी प्रतियोगिताओं में तीन स्वर्ण सहित कुल 31 पदक प्राप्त किये हैं।