नई दिल्ली, 8 जनवरी, 2021: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त हुए तिमाही के दौरान हॉट मेटल, क्रूड स्टील और विक्रेय इस्पात का अब तक का सर्वाधिक तिमाही उत्पादन हासिल किया है और पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले शानदार वृद्धि दर्ज की है।
वित्तवर्ष ’21 में उत्पादन |
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तीसरी तिमाही ’21 |
तीसरी तिमाही ’20 |
% वृद्धि |
नौमाही ’21 |
दूसरी तिमाही ’21 |
पहली तिमाही ’21 |
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हॉट मेटल (लाख टन) |
48.0 |
43.0 |
12% |
116.0 |
41.3 |
27.0 |
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क्रूड स्टील (लाख टन) |
43.7 |
40.0 |
9% |
106.0 |
38.2 |
25.0 |
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विक्रेय इस्पात (लाख टन) |
41.5 |
39.0 |
6% |
102.0 |
37.5 |
23.0 |
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*10 लाख टन = 1 मिलियन टन
इस दौरान कंपनी के विक्रय में भी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही के दौरान विक्रय (घरेलू और निर्यात मिलाकर) में, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 5.6% वृद्धि दर्ज की है। इसी के साथ अप्रैल-दिसंबर 2020 की नौमाही के दौरान कुल विक्रय में भी कंपनी ने वृद्धि दर्ज की है।
वित्तवर्ष ’21 में विक्रय |
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तीसरी तिमाही ’21 |
तीसरी तिमाही ’20 |
नौमाही ’21 |
दूसरी तिमाही ’21 |
पहली तिमाही ’21 |
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कुल विक्रय (लाख टन) |
43.2 |
40.9 |
107.6 |
42.1 |
22.4 |
घरेलू विक्रय (लाख टन) |
40.5 |
37.3 |
92.8 |
35.4 |
17.0 |
निर्यात (लाख टन) |
02.7 |
03.6 |
14.8 |
06.7 |
05.4 |
*10 लाख टन = 1 मिलियन टन
सेल अध्यक्ष श्रीमती सोमा मण्डल ने कहा, “इस वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने अपने उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की है। हालांकि पहली तिमाही कोविड महामारी के चलते प्रभावित रही लेकिन इसके बाद के महीनों के दौरान उत्पादन में वृद्धि के जरिये कंपनी लगातार अपने प्रदर्शन को बेहतर करने में सफल रही। हमारे लिए यह खुशी की बात है कि हम कोविड महामारी से पहले के उत्पादन स्तर को पहले ही हासिल कर चुके हैं, और मौजूदा वित्त वर्ष की पिछली तिमाही के दौरान उत्पादन में, वित्त वर्ष 2019-20 की समान अवधि से भी अधिक वृद्धि हासिल की है।” उन्होंने आगे कहा, "कंपनी के परफ़ार्मेंस में लगातार वृद्धि दर्शाती है कि आने वाले समय में भी इसी तरह की वृद्धि को लगातार जारी रखने के लिए तैयार है। अर्थव्यवस्था ने अपनी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है और इसके सभी क्षेत्रों ने भी पिक-अप करना शुरू कर दिया है, इससे घरेलू इस्पात की खपत बढ़ने की सकारात्मक उम्मीद जगती है। हम इस्पात बाजार में खुल रहे नए अवसरों का लाभ उठाने को लेकर आश्वस्त हैं।”
लौह अयस्क फ़ाइंस विक्रय : भारत सरकार के खान मंत्रालय ने सेल को खदान पीट हेड में मौजूद सबग्रेड खनिजों के साथ – साथ, राज्य में स्थित सभी निजी खानों के संचयी उत्पादन के गणना के आधार पर कुल लौह अयस्क उत्पादन का 25% बेचने की अनुमति दी है। सरकार की इस अधिसूचना का पालन करते हुए, सेल ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अपने विभिन्न खदानों से नीलामी के जरिये करीब 21.6 लाख टन फ्रेश फाइन्स पहले ही बेच चुका है। इसके दौरान करीब 3 लाख टन डंप फ़ाइंस और टेलिंग्स की भी सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। इससे कुछ हद तक, बाजार में लौह अयस्क की कमी को कम करने में मदद मिली है।
ऋण में कमी: सेल ने 31 दिसंबर, 2020 को अपने शुद्ध ऋण को 44,308 करोड़ रुपये तक कम करने की सफलता हासिल की है, जो 30 अप्रैल, 2020 को 52,290 करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर था। इस तरह से सेल इस दौरान अपने कर्ज की 7,982 करोड़ रुपये की एक बड़ी राशि को चुकाने में कामयाब रहा। कंपनी ने अपने ऋण को घटाने के इस प्रयास को आगे भी जारी रखेगी। ***
दिनांक : 08.01.2020