- लगभग 500 करोड़ के लागत पर पुनर्निर्माण
- पूर्णतः शून्य उत्सर्जन बैटरी
- आधुनिक तकनीक युक्त एवं बेहतर उत्पादकता
- ब्लास्ट फर्नेस की कोक आवष्यकताओं की पूर्ति में होगी सहायक
महारत्न सेल की बोकारो स्टील इकाई अपनी क्षमताओं का प्रभावी उपयोग करने तथा आधुनिकीकरण के तहत जुड़ने वाली अतिरिक्त क्षमताओं के द्वारा प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है. 24 मार्च को सेल अध्यक्ष श्री सी एस वर्मा ने अपने दो दिवसीय बोकारो दौरे के क्रम में सेल के निदेषक (कार्मिक) श्री बी बी सिंह, निदेषक (तकनीकी) एवं सी इ ओ, बी एस एल, श्री एस एस महान्ती, वरीय अधिकारियों तथा इस्पात कर्मियों के उत्साहित समूह के समक्ष संयंत्र की पुनर्निर्मित बैटरी -1 एवं 2 का लोकार्पण किया. श्री वर्मा ने सी आर एम-3 में क्वायल पैकेजिंग लाइन-2 का उद्घाटन तथा नव स्थापित सेंटर आॅफ एक्सेलेन्स का उद्घाटन भी किया.
500 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्निमित बी एस एल की नई कोक अवन बैटरियाँ पूर्णतः प्रदूषणमुक्त होने के साथ-साथ सभी आॅटोमेषन तकनीकों से युक्त हैं जिससे इसके उत्पादकता मेें भी बेहतरी आयेगी. 8 बैटरियों के इस कोक अवन काॅम्प्लेकस में उक्त नई बैटरियाँ अन्य बैटरियों की तुलना में तकनीकी रूप से उन्नत है.
क्वायल पैकेजिंग लाइन-2, 3000 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही 1.2 एम टी पी ए कोल्ड रोलिंग मिल-3 काॅम्पलेकस�का एक हिस्सा है. नई मिल अपनी कमीषनिंग के अंतिम चरणों में है. यह आधुनिकतम तकनीक के साथ-साथ विभिन्न आॅटो बाॅडी ग्रेड स्टील का उत्पादन तथा ब्हाइट गुड सेक्टर की आवष्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगी. मिल से प्रति वर्ष 0.84 एम टी षीत बेलित उत्पाद एवं 0.36 एम टी कोटेड उत्पाद का निर्माण किया जायेगा. इस मिल की बदौलत बोकारो के कोल्ड रोल्ड उत्पाद श्रेणी में इ डी डी, डी डी, आई एफ, एच एस एस, डी पी, टी आर आई पी, बी एच सहित अन्य कमर्षियल क्वालिटी इस्पात उत्पाद ग्रेड जुड़ जायेंगे.
जनवरी 2008 से आरंभ हुए विस्तारीकरण के वर्तमान चरण में बी एस एल का हाॅट मेटल उत्पादन क्षमता 4.59 एम टी से बढ़कर 5.77 एम टी प्रति वर्ष हो जायेगा. आधुनिकीकरण एवं�विस्तारीकरण के इस चरण में तक्नो-अर्थिक मानकों में बेहतरी लाने के साथ ही नई तकनीक उपलब्ध कराने के लिए बी एस एल में आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण तथा सस्टेनेंस योजनाओं के तहत 8,625 करोड़ रुपये की निवेष करने का लक्ष्य है. इसमें से कई इकाइयों की कमीषनिंग हो चुकी है तथा उनसे उत्पादन भी आरंभ हो चुका है.�ब्लास्ट फर्नेस-2 में नए टर्बो ब्लोअरएवं सी डी आई सुविधा तथा क्षमता संवर्द्धन एवं आधुनिकीकरण (1,062 करोड़ रुपये कुल परियोजना लागत पर) के फलस्वरूप बी एफ-2 की उत्पादकता 2 टन/ड3 प्रति दिन से अधिक हो जायेगी. इसके अतिरिक्त एस एम एस-2 एवं सी सी एस का अपग्रेडेषन कवर्ड स्लैग यार्ड, कम्यूटरीकृत प्रोसेस कंट्रोल तथा द्वितीय लैडल फर्नेस कमीषनिंग द्वारा संभव हो पाई है. इन सुविधाओं से इसकी उत्पादन क्षमता 2.85 एम टी पी ए से बढ़कर 3.35 एम टी पी ए हो गई है.
बोकारो दौरे के क्रम में बी एस एल तथा बोकारो में मौजूद सेल की अन्य इकाइयों के कर्मियों को संबोधित करते हुए श्री वर्मा ने बी एस एल कर्मियों की क्षमता पर आस्था जताया तथा कहा कि सेल के विजन 2020 के लक्ष्यों को साकार करने में बी एस एल एक अहम् भूमिका निभायेगी. उन्होंने बी एस एल द्वारा नवोन्मेष की कार्य संस्कृति अपनाकर नए उत्पादों के विकास तथा उत्पादन क्षमता का बेहतर उपयोग किए जाने के प्रयासों की भी सराहना की. उन्होंने परियोजनाओं के सामयिक सम्पादन की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि हम इसके द्वारा ही अपने बहुमूल्य निवेष का अधिकाधिक लाभ अर्जित कर पायेंगे.