नई दिल्लीः स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा ने 20 अगस्त को भिलाई इस्पात संयंत्र में करीब 17,200 करोड़ रुपये की लागत से कार्यान्वित की जा रही आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा करने के लिए छत्तीसगढ़ में स्थित संयंत्र का दौरा किया। एक दिन बाद उन्होंने भिलाई संयंत्र को कच्चा माल उपलब्ध कराने वाले राजहरा और दल्ली खदानों का भी दौरा किया। सेल कम्पनी के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण कार्यक्रम को समय से लागू करने पर जोर दे रही है।
भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पंकज गौतम और संयंत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परियोजना का निरीक्षण करते हुए श्री वर्मा ने भिलाई में नये ब्लास्ट फर्नेस # 8 लगाने की दिशा में हुई प्रगति को देखकर संतोष व्यक्त किया। 1599 करोड़ रुपये की लागत से 28 लाख टन वार्षिक हाट मेटल उत्पादन क्षमता का ब्लास्ट फर्नेस # 8, भिलाई का सबसे बड़ा ब्लास्ट फर्नेस होगा। भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के दौरान श्री वर्मा ने उनसे आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण कार्यक्रमों की ध्यानपूर्वक देखरेख करने और उपकरण आपूर्तिकर्ताओं द्वारा समय का पालन सुनिश्चित करवाने का अनुरोध किया।
अपने दौरे के दौरान श्री वर्मा ने मौजूदा समय में हाॅट रिपेयर हो रही कोक ओवन बैटरी 10 और ब्लास्ट फर्नेस # 7 की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। सेल अध्यक्ष ने कोक ओवन बैटरी 11, सिंटर संयंत्र 3 (जहां एक दूसरी सिंटर मशीन स्थापित की जा सकती है), स्टील मेल्टिंग शॉप 3 और बार एवं रॉड मिल के साथ संयंत्र की मुख्य आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण परियोजनाओं का भी दौरा किया। उन्होंने संयंत्र में करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किये जा रहे अल्ट्रा माॅडर्न यूनिवर्सल रेल मिल के कार्य की भी समीक्षा की। दल्ली-राजहरा में श्री वर्मा ने क्रशिंग, स्क्रीनिंग और वाशिंग प्रक्रियाओं का अवलोकन किया तथा खदान के अधिकारियों से मुलाकात की।
भिलाई में आयोजित एक प्रेसवार्ता में श्री वर्मा ने कहा कि विस्तारीकरण के बाद मौजूदा 232 लाख टन लौह अयस्क की आवश्यकता बढ़ कर 390 लाख टन हो जायेगी । इस बढ़ी हुई आवश्यकता को पूरा करने के लिए सेल अपने खदानों के विकास के लिए 10,264 करोड़ रुपये निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि समस्त लौह अयस्क की आवश्यकता निजी खदानों से पूरी की जायेगी। इस्पात उद्योग में शोध और विकास के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री वर्मा ने पत्रकारों से कहा कि कंपनी ने शोध और विकास का मास्टरप्लान तैयार कर लिया है, जिसे वह बहुत जल्द सरकार के सामने रखने जा रही है।