बड़ी आधारभूत परियोजनाओं की वजह से मांग बढ़ने का अनुमान
वित्त वर्ष 2013-14 में कुल विक्रय में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि, लाभ में 21 प्रतिशत वृद्धि
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष श्री सी एस वर्मा ने आज यहाँ कंपनी की 42वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान विकास के संदर्भ में कंपनी की रणनीति को रेखांकित करते हुए कहा, “हम आधुनिक तकनीकी को शामिल करने, स्वचालन, उत्पाद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने, उत्पाद समूह और प्रक्रिया क्षमता को समृद्ध करने के जरिये लागत प्रभावी ढंग से बढ़ी हुई इस्पात मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।” उन्होंने आशान्वित किया कि सरकार के स्मार्ट शहरों, बंदरगाहों, बिजली संयंत्रों, औद्योगिक गलियारों के विकास और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के नवनिर्माण के जरिये विनिर्माण और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में त्वरित विकास पर ध्यान केन्द्रित करने की वजह से इस्पात की मांग में भारी तेजी आयेगी, जिसका परिणाम हम निकट भविष्य में खुद-ब-खुद देख सकते हैं।" कंपनी के भविष्य के विजन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “सेल अपने विज़न-2025 के दस्तावेज़ को अंतिम रूप दे रहा है, जो कंपनी की संबन्धित व्यापार गतिविधियों के साथ हॉट मेटल उत्पादन की क्षमता को 500 लाख टन तक बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।” विज़न 2025 को लागू करने के लिए मौजूदा दौर के विस्तारीकरण में किए गए निवेश के अलावा करीब 1,50,000 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी।
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए सेल अध्यक्ष ने उल्लेख किया कि महारत्न कंपनी ने वर्ष 2013-14 के दौरान कर पश्चात 2,616 करोड़ रुपये का लाभ हासिल करते हुए, 21% की वृद्धि दर्ज की है। वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए कंपनी ने प्रदत्त इक्विटी शेयर पूंजी का 20.20% की दर से लाभांश का भुगतान किया। उन्होंने आगे कहा कि सेल ने 5% वृद्धि दर्ज करते हुए, अब तक का सबसे अधिकतम 51,866 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। पिछले वर्ष के मुक़ाबले 8.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सेल ने वित्त वर्ष 2013-14 में कुल 120.9 लाख टन विक्रय किया। कंपनी का ऋण इक्विटी अनुपात 31 मार्च, 2014 की स्थिति के अनुसार भारतीय इस्पात उद्योग में सबसे कम 0.59 : 1 पर रहा।
सेल पिछले पांच सालों में हर साल के हिसाब से प्रतिवर्ष 10,000 करोड़ रुपये से अधिक औसत खर्च कर रहा है और इसी तरह से वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण कार्यक्रम पर 9000 करोड़ रुपये पूंजी खर्च करने की योजना है। सेल अध्यक्ष ने बताया कि करीब 26,000 रुपये करोड़ की सुविधाओं का प्रचालन पहले ही किया जा चुका है और सेल की मौजूदा आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण परियोजनाओं के लिए कुल मिला कर 62,778 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिये जा चुके हैं। अगस्त, 2014 तक 55,000 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी व्यय किया जा चुका है।
कंपनी के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण कार्यक्रम में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए सेल अध्यक्ष ने कहा, “राउरकेला इस्पात संयंत्र में मई 2014 से नई बेडिंग एवं ब्लेंडिंग प्लांट, सिंटर प्लांट, कोक ओवन बैटरी संख्या-6, देश की सबसे बड़ी प्रचालित ब्लास्ट फर्नेस – ब्लास्ट फर्नेस संख्या – 5, तीसरा बेसिक ऑक्सीज़न फर्नेस, नई स्लैब कास्टर और 10 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता की नई प्लेट मिल में प्लेट रोलिंग सुविधा समेत समस्त इंटिग्रेटेड प्रोसेस रूट प्रचालित किया जा चुका है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस्को इस्पात संयंत्र में 8 सितंबर को बेसिक ऑक्सीज़न फर्नेस के चालू होने के बाद, अगले महीने से नई 4060 घन मीटर के ब्लास्ट फर्नेस से उत्पादन के शुरू होने की संभावना है।