स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) की प्रमुख इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र ने देश में सर्वश्रेष्ठ निष्पादन करने वाले इस्पात संयंत्र के रूप में प्रधानमंत्री ट्रॉफी प्राप्त किया है. भिलाई संयंत्र को यह सम्मान आज नई दिल्ली में प्रदान किया गया. प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा और भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री पंकज गौतम को देश के सर्वश्रेष्ठ इस्पात संयंत्र की ट्रॉफी, केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा और इस्पात सचिव श्री डी. आर. एस. चौधरी की उपस्थिति में प्रदान की.
प्रधानमंत्री ने इस्पात उत्पादन और खपत के बीच के अंतर को समाप्त करने पर जोर देते हुए, सेल के अंतरगत सार्वजनिक उपक्रम संयंत्रों के विस्तारीकरण कार्यक्रमों पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि, “ इससे न केवल इनकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी बल्कि दक्षता और उत्पादकता में भी बढ़ोत्तरी होगी.”
इस उपलब्धि के साथ भिलाई संयंत्र देश भर में सार्वजनिक और निजी दोनों श्रेणियों में, अकेला ऐसा इस्पात संयंत्र है, जो प्रधानमंत्री ट्रॉफी की स्थापना के समय से अब तक प्रदान किये गए कुल 17 ट्रॉफी में से 10 ट्रॉफी से सम्मानित किया जा चुका है. यह भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रतिबद्ध और समर्पित कार्मिकों की क्षमता को दर्शाता है. भिलाई संयत्र से रक्षा, परमाणु ऊर्जा, बिजली, अवसंरचना, भारी मशीनरी, तेल और गैस, टेलीकॉम, रेलवे इत्यादि जैसे अन्य बहुत से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इस्पात की आपूर्ति की जाती है. भारतीय रेल का सम्पूर्ण नेटवर्क भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा बनाई गई पटरियों पर चलता है. भिलाई संयंत्र, अपने स्थापना के समय से ही पटरियों की आपूर्ति कर रहा है और अब तक भिलाई द्वारा आपूर्ति किये गए पटरियों की कुल लम्बाई को पंक्तिवार रखें तो यह पूरी पृथ्वी को साढ़े नौ बार लपेट सकती है.
अपनी उत्कृष्टता की संस्कृति और गुणवत्ता के प्रति समर्पण के लिए पहचाने जाने वाले, इस संयंत्र ने नेतृत्व, नीति एवं रणनीति, जनविकास, संसाधन प्रबंधन और व्यवस्था प्रबंधन समेत विभिन्न मानकों को लागू करने की दिशा में विशिष्टता हासिल की है. संयंत्र द्वारा आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित व्यापारिक और ज्ञान सम्बन्धित तकनीकों को अपनाया गया है, जिनके माध्यम से यह व्यापार निष्पादन, पर्यावरण संरक्षण, निगमित सामाजिक दायित्वों और सातत्यता प्रक्रियाओं इत्यादि में उत्कृष्टता और लगातार बेहतरी हासिल करने के जरिये, भारतीय इस्पात उद्योग में अपनी सर्वश्रेष्ठता बनाये रखने में सक्षम है.