- चौथी तिमाही में शुद्व विक्रय 11,900 करोड़ रुपये से अधिक हुआ
- चौथी तिमाही में रिकार्ड 37% अधिक मूल्य संवर्धित इस्पात उत्पादन से लाभप्रदता को बढ़ावा
- चौथी तिमाही में 45% वृद्धि के साथ 2,894 करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च य पूर्ण वर्ष में दोगुना 10660 करोड़ रुपये का पूंजी व्यय
- वित्त वर्ष 2009-10 में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक कर पूर्व लाभ, ७% वृद्वि - स्थापना से अब तक द्वितीय सर्वोच्च
- शेयरधारकों को १७% अंतिम लाभांश, कुल मिलाकर वर्ष में ३३% (१६% अंतरिम लाभांश अदा)
नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा हाल ही में महारत्न कंपनी के रूप में घोषित स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने आज यहां वित्तीय वर्ष 2009-10 की जनवरी -मार्च (चौथी तिमाही) में अपने अंकेक्षित वित्तीय परिणामों को रिकार्ड़ में लिया, जिसमें कंपनी ने वर्ष दर वर्ष 40% बढ़ोत्तरी के साथ 2,085 करोड़ रुपये कर उपरांत लाभ दर्ज किया। कंपनी ने तिमाही के दौरान 11,955 करोड़ रुपये का शुद्ध विक्रेय कारोबार किया जबकि विगत वर्ष की इसी अवधि में यह राशि 11,790 करोड़ रुपये थी। सेल ने चौथी तिमाही में 3,067 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ दर्ज किया, जो वर्ष दर वर्ष 34% बढ़ोत्तरी है ।
चौथी तिमाही में कंपनी की लाभप्रदता में बढ़ोत्तरी प्रमुख रूप से बाजारोन्मुख उत्पाद श्रृंखला, मूल्य संवर्धित इस्पात उत्पादन में ३७% बढ़ोत्तरी और अनेक लागत दक्षता उपायों की वजह से हुआ है। तिमाही के दौरान विक्रेय वसूली आयातित कोकिंग कोयले और फैरो अलोयज जैसे कुछ कच्चे माल की लागत में कटौती से भी लाभप्रदता को बढ़ावा मिला।
वित्त वर्ष 2009-10 की प्रत्येक तिमाही की लाभप्रदता में लगातार सुधार से सेल को वर्ष के दौरान 10,132 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ प्राप्त करने में मदद मिली, जो ८% अधिक है-स्थापना से अब तक का द्वितीय सर्वोच्च लाभ है। पूर्ण वित्तीय वर्ष का कर उपरांत लाभ में 9.5 % अधिक होकर 6,754 करोड़ रुपये हुआ । वित्त वर्ष 2009-10 में मात्रा की दृष्टि से 121.10 लाख टन का विक्रय के साथ यद्यपि 7% की वृद्वि रही जिसमें एक तिहाई मूल्य संवंर्धित उत्पाद थे, तथापि कंपनी का 40551 करोड़ रुपये का शुद्व कारोबार पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग ६% कम रहा जो कम शुद्ध विक्रय वसूलियो, खासतौर से प्रथम छमाही, की वजह से हुआ।
सेल बोर्ड ने कंपनी के शेयरधारकों को चुका पूंजी का 17 % का अंतिम लाभांश अदा करने की सिफारिश की, इस तरह से वर्ष 2009-10 के दौरान कुल लाभांश अदायगी (16 % अंतरिम लाभांश सहित) 33 % के रूप में 1,363 करोड़ रुपये हुई । सेल के कारखानों में 145 लाख टन तप्त धातु, 135 लाख टन कच्चे इस्पात एवं 126 लाख टन विक्रेय इस्पात का उत्पादन हुआ (114 % क्षमता उपयोग) विशेष एवं मूल्य संवर्धित इस्पात की बढ़ती हुई मांग को ध्यान में रखते हुए सेल ने मूल्य सवंर्धित एवं विशेष इस्पात उत्पादों के उत्पादन पर विशेष बल जारी रखा । इससे मूल्य सवंर्धित इस्पत के उत्पादों का उत्पादन 46 लाख टन के रिकार्ड स्तर तक पहुंचा जो विगत वर्ष की तुलना में 24 % अधिक है ।
सेल के आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण योजनाओं के तहत चौथी तिमाही में 2,894 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च हुआ जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 2002 करोड रुपये की तुलना में 45% अधिक है। वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान कंपनी का पूंजीगत खर्च 10,606 करोड़ रुपये पहुंचा जो पिछले वर्ष से दोगुने से अधिक है (5,233 करोड़ रुपये) । सेलम इस्पात कारखाने की आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण परियोजनाएं जिसमें नई इस्पात उत्पादन सुविधाओं एवं एक नई कोल्ड रोलिंग मिल शीध््रा ही चालू होने के लिए तैयार है। वर्ष के दौरान अनेक एकल (स्टैण्ड-अलोन) परियोजनाएं चालू की गईं जैसे भिलाई में आरएच डीगैसरयुक्त नया स्लैब कास्टर और लैडल फर्नेस, कोक ओवन बैटरी-5 का पुनर्निर्माण, बोकारो में कोकिंग कोयला भंडारण सुविधाओं का विस्तार, राउरकेला में कोक ओवन बैटरी-4 का पुनर्निर्माण और नया कोक ओवन गैस होल्डर के साथ-साथ वीआईएसएल में नया ब्लूम कास्टर ।
आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण योजनाओं को समय से पूरा करने के लिए पूंजीगत खर्च जुटाने के वास्ते सेल ने वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान अपने बाजार ऋण 8,900 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ाये । 31.03.2010 को कंपनी के कुल ऋण 16,511 करोड़ रुपये थे जिससे कंपनी का ऋण इक्विटी अनुपात 0.49:1 है । किन्तु कंपनी का नगद आरक्षित कोष जमाओं के रूप में 31.03.2010 को 22000 करोड़ रुपये से अधिक था।
वर्ष के दौरान अनेक लागत दक्षता एवं प्रशासनिक उपायों की परिणति 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई। प्रमुख तकनीकी-आर्थिक मानकों में सुधार हुआ - सर्वश्रेष्ठ कोक दर, न्यूनतम उर्जा खपत और ब्लास्ट फर्नेस की उत्पादकता में ४% सुधार से लागत में भारी बचत हुई।
मानव संसाधन को अनुकूलतम बनाने के सेल के प्रयास के फलस्वरूप, लगभग 1800 कर्मचारियों की भर्ती के बावजूद, प्रमुख रूप से स्वाभाविक सेवानिवृत्ति की वजह से लगभग 6000 कर्मचारियों की कटौती हुई। फलतः वित्त वर्ष 2009-10 में श्रम उत्पादकता बढ़ कर 226 टन प्रति व्यक्ति/वर्ष हुई जो स्थापना से लेकर अब तक सर्वोच्च है।
वित्त वर्ष 2009-10 कच्चे माल की दृष्टि से सुनिश्चितता प्राप्त करने के लिए एक निर्णायक वर्ष रहा। दो दशको से अधिक के सघन प्रयासों के उपरांत, कंपनी ने अक्टूबर 2009 में छत्तीसगढ़ में स्थित अनुमानित रूप से 5000 लाख टन लौह अयस्क भंडार युक्त रावघाट खान से खनन अधिकार प्राप्त किये जो, अगले 30 वर्षों तक भिलाई इस्पात कारखाने की लौह अयस्क जरूरतों को पूरा करेगी। कंपनी द्वारा रावघाट में 140 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता की अत्याधुनिक खनन सुविधा की स्थापना के लिए प्रकिया शुरू कर दी गई है सेल ने चिरिया/गुआ में बुद्वाबुरू लीज के नवीकरण के लिए भी झारखंड सरकार से अक्टूबर 2009 में सिद्वांत रूप से मंजूरी प्राप्त कर ली है जिसमें लगभग 8100 लाख टन लौह अयस्क भंडार है। यहां पर भी 70 लाख टन प्रति वर्ष खनन सुविधा स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में काम चल रहा है ।
अनेक नये सामरिक प्रयासों एवं गठबंधनों की दृष्टि से भी वित्त वर्ष 2009-10 सेल के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा । पूर्व भारत रिफ्रैक्टरी लिमिटेड का जुलाई 2009 को सेल में विलय हुआ और उसका नाम करण सेल रिफै्रक्टरी यूनिट (एसआरयू) किया गया कंपनी ने उत्तर प्रदेश में जगदीशपुर स्थित मालविका स्टील लिमिटेड की संपत्तियों को भी अधिगृहीत किया और आरम्भ में वहां पर 1.75 लाख टन क्षमता की टीएमटी बार्स उत्पादन सुविधा, के्रश बेरियर्स एवं कोरूगेशन प्लांट लगाया जायेगा। शिपिंग कारपोरेशन आॅफ इण्डिया के साथ भी एक शिपिंग कंपनी की स्थापना के लिए सयुक्त उद्यम करार पर हस्ताक्षर किये गये यह संयुक्त उद्यम शुरू में सेल की कोयला आयात जरूरतों के कुछ हिस्से का संचालन करेगा सेल अन्य प्रमुख इस्पात उत्पादकों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने की संभावनाएं तलाश रहा है ।
वर्ष के दौरान सेल को पुरस्कार एवं सम्मान के रूप में व्यापक सराहना मिलने से सेल की बुनियादी शक्ति मजबूत हुई जैसे एक ही अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत 4 स्कोप/डीपीई पुरस्कार, जो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सर्वाधिक है। कंपनी के कर्मचारियों ने अब तक के सर्वाधिक श्रम एवं विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किये (सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों के संगठनों में कुल पुरस्कारों का लगभग 45%) । वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान घोषित वर्ष 2006-07 एवं 2007-08 की सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र की प्रधानमंत्री ट्राॅफी सेल के भिलाई इस्पात कारखाने द्वारा प्राप्त की गई।
सेल अध्यक्ष श्री एस के रुँगटा ने सरकार द्वारा कंपनी को महारत्न घोषित करने और वैश्विक दृष्टि से भी सेल को एक प्रमुख स्थान प्राप्त करने-वल्र्ड स्टील डायनेमिक्स, यूएसए द्वारा ‘विश्व स्तरीय इस्पात निर्माताओं की रैकिंग‘ में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर कहा कि यह सेल की मौलिक शक्तियों का परिचायक है और यह सेल कर्मियों की वजह से संभव हुआ, जिन्होंने सदैव चुनौतियों को अवसरों में बदला है ।