स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसम्बर) के दौरान 82 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ हासिल किया है। सेल का यह लाभ 10 तिमाहियों के बाद आया है। यह लाभ कंपनी का कायाकल्प करने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगा, जो चुनौतियों को अवसरों में बदलते हुए कंपनी को निरंतर लाभप्रदता की दिशा में आगे बढ़ाएगा। सेल ने लगातार सातवीं तिमाही में सकारात्मक ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन पूर्व आय (EBITDA) के साथ निष्पादन की मज़बूत स्थिति को बनाए रखते हुए, इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 1571 करोड़ रुपये का EBITDA दर्ज किया है, जो पिछले वित्त की इसी अवधि के 35 करोड़ रुपए EBITDA के मुक़ाबले भारी वृद्धि है। इसी तरह से मौजूदा तिमाही के दौरान प्रति टन स्टील EBITDA 4162 रुपया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 107 रुपया EBITDA के मुक़ाबले बहुत अधिक है, और इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के मुक़ाबले 50% से भी अधिक रही। अपनी नई मिलों से उत्पादन में लगातार तेजी लाते हुए, सेल और अधिक मूल्य-वर्धित (वैल्यू एडेड) और संवर्धित उत्पादों की बिक्री की मात्रा को बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित कर रहा है। नवीनतम घरेलू और संभावित निर्यात स्थलों समेत उत्पादन और विपणन की रणनीतिक योजना ने सेल को मज़बूत स्थिति में पहुँचाने मदद की है और फिर से लाभप्रदता की ओर अग्रसर किया है।
सेल ने अप्रैल-दिसंबर, 2017 (वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 9 महीने) के दौरान 40,091 करोड़ रुपये का शुद्ध कारोबार किया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 28% अधिक है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में कुल 37.7 लाख टन विक्रेय इस्पात का विक्रय किया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 15% की वृद्धि अधिक है। इसी तरह वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 9 महीने अप्रैल-दिसंबर 2018 के दौरान कंपनी ने विक्रेय इस्पात के विक्रय में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 7% की वृद्धि दर्ज की है। सेल ने अप्रैल-दिसंबर 2018 (वित्त वर्ष 2018 के पहले 9 महीने) के दौरान अब तक का सर्वाधिक 104.61 लाख टन विक्रेय इस्पात का उत्पादन किया है। आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के तहत स्थापित ऊर्जा कुशल तकनीकों ने पूरी उत्पादन श्रृंखला के तकनीकी-आर्थिक मानकों को बेहतर करने में मदद की है। वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 4% की कमी के साथ अब तक का सर्वश्रेष्ठ कोक रेट, कोल डस्ट इंजक्शन (सीडीआई) में 17% सुधार और ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता में 3% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। उत्पादन में कुशलतापूर्वक तेजी लाते हुए, सेल ने अप्रैल-दिसंबर, 2018 (वित्त वर्ष 2018 के पहले 9 महीने) के दौरान कार्मिक लागत प्रति टन स्टील के हिसाब से 10% कम करने में सफलता पाई है।
इस अवसर पर, सेल, अध्यक्ष श्री पी के सिंह ने कहा, "सेल के कार्मिकों ने अपनी पूरी क्षमता से कंपनी के निष्पादन को सुधारने के लिए खुद को समर्पित करते हुए काम किया है। सेल के कायाकल्प की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, जिसमें सेल प्रबंधन द्वारा उठाए गए कदमों और सेल द्वारा सामूहिक रूप से उन्हें लागू करने के चलते हमने लगातार EBITDA में बेहतरी दर्ज की है। वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही के परिणाम उच्च उत्पादन, क्षमता उपयोग में सुधार, विपणन पर फोकस, लागत नियंत्रण उपाय, कार्मिकों के बीच व्यापक द्विपक्षीय संवाद और कंपनी के कार्मिकों द्वारा लाभप्रदता को फिर से हासिल करने के लिए सामूहिक प्रयास और सक्रिय भागीदारी के सम्मिलित प्रयास की एक झलक है।” सेल के आधुनिकीकरण को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “जैसा कि हम फरवरी, 2018 में उत्पादन के साठवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, हमने अपनी शेष आधुनिकीकरण परियोजनाओं को लगभग पूरा कर लिया है, जो कंपनी की उत्पादन क्षमता में और वृद्धि करेगी। अभी सेल की प्राथमिकता क्षमता के अनुरूप उत्पादन बढ़ाने का है, इसके बाद कंपनी का लक्ष्य उत्पादन के साथ-साथ क्षमता बढ़ाने की है। डाउनस्ट्रीम सुविधाओं के स्थिरीकरण के साथ-साथ हम बाजार में मूल्य-वर्धित उत्पादों की एक श्रृंखला पेश करने की स्थिति में हैं, जो विभिन्न इस्पात क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किये गये हैं।”