स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने मई, 2013 में विक्रेय इस्पात के उत्पादन में 11% की वर्ष दर वर्ष की वृद्धि दर्ज करते हुए, मई माह का अभी तक का सर्वश्रेष्ठ निष्पादन हासिल किया है. सेल ने इस माह के दौरान 10.87 लाख टन विक्रेय इस्पात का उत्पादन किया है. सेल का कच्चे इस्पात का उत्पादन, अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ उत्पादन 11.35 लाख टन के मुकाबले 11.52 लाख टन के उच्चतम स्तर पर रहा.
सेल ने प्रमुख तकनीकी-आर्थिक मानकों को बेहतर करने की दिशा में अपने प्रयास को जारी रखा है जिसके परिणामस्वरूप प्रति टन कच्चे इस्पात के उत्पादन में 6.57 गीगा कैलोरी ऊर्जा खपत तक कम किया जा सका है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3% बेहतर है. बिजली उत्पादन और ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता में भी पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले क्रमश: 8% और 5% का सुधार दर्ज किया गया है. ऊर्जा साधक कंटिन्युअस कास्टिंग रूट के जरिये उत्पादन 8 लाख टन को पार कर गया, जो मई में अब तक का उच्चतम निष्पादन है.
सेल के एकीकृत इस्पात संयंत्रों द्वारा मई, 2013 में, पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले मूल्य संवर्धित और विशेष इस्पात का उत्पादन भी लगभग 8% अधिक स्तर तक पहुँच गया है.
सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा ने कहा कि कंपनी में मनोबल सुदृढ़ है क्योंकि इस वित्त वर्ष में तप्त धातु की उत्पादन क्षमता 140 लाख टन से 190 टन होने से 50 लाख टन बढ़ोत्तरी की संभावना है. उन्होंने आगामी महीनों में, भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतनिर्हित विशेषताओं के फलस्वरूप, देश में इस्पात खपत बढ़ने की संभावना पर विश्वास जताया
सेल की आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण परियोजनाओं के अंतगर्त कई इकाईयों में उत्पादन पहले ही प्रारंभ हो चुका है, जिसमें शामिल हैं राउरकेला इस्पात संयत्र में नया सिंटर संयंत्र और कोक ओवेन, भिलाई इस्पात संयंत्र में एयर सिपरेशन इकाई, इस्को इस्पात संयंत्र में कच्चा माल हैंडलिंग संयंत्र, कोक ओवन,सिंटर संयंत्र और वायर रॉड मिल एवं आरएचएफ.