कंपनी ने 20.2% अंतरिम लाभांश की घोषणा की
स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने मात्रात्मक वृद्दि और उत्पादन में दक्षता बढ़ाने पर आधारित अपनी महत्वाकांक्षी विक्रय रणनीति पर चलते हुए वित्त वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में प्रभावशाली वृद्दि हासिल की है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में रुपया 533 करोड़ का कर पश्चात लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के रुपया 484 करोड़ के मुक़ाबले 10% अधिक है। सेल का अनकेक्षित वित्तीय परिणाम, इसके निदेशक मण्डल द्वारा अक्तूबर से दिसंबर, 2013 की तिमाही के लिए आज यहाँ रिकार्ड में लिया गया।
अर्थव्यवस्था में मांग में मंदी के बावजूद, वित्त वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में दर्ज किया गया कुल कारोबार रुपया 12,716 करोड़, वर्ष दर वर्ष आधार पर 8% अधिक रहा और सेल द्वारा कुल इस्पात विक्रय 29.4 लाख टन, वर्ष दर वर्ष आधार पर 7% अधिक रही। उपरोक्त तिमाही में कंपनी का पूंजीगत व्यय रुपये 2,774 करोड़, पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 30% अधिक रहा।
सेल संयंत्रों ने मजबूती के साथ बेहतरीन कार्य निष्पादन जारी रखा है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में 13.5 लाख टन मूल्य संवर्धित इस्पात का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 12.3 लाख टन के पिछले अधिकतम उत्पादन से बेहतर है। इस तिमाही के दौरान तप्त धातु, कच्चा इस्पात और विक्रेय इस्पात का उत्पादन 4% की वृद्धि के साथ क्रमश: 37.2 लाख टन, 34.8 लाख टन और 31.7 लाख टन दर्ज किया गया।
मानक | तीसरी तिमाही (2013-14) | तीसरी तिमाही (2012-13) | वृद्धि (%) |
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विक्रेय उत्पादन (लाख टन) | 3.17 | 3.06 | 4 |
विक्रय (लाख टन) | 2.94 | 2.76 | 7 |
कारोबार (रुपया करोड़) | 12,716 | 11,801 | 8 |
कर पश्चात लाभ (रुपया करोड़) | 533 | 484 | 10 |
सेल निदेशक मण्डल ने अपने शेयरधारकों के लिए, पिछले साल की 16 % के अंतरिम लाभांश तुलना में, कंपनी की चुकता पूंजी का 20.2% अंतरिम लाभांश के रूप में मंजूरी दी है। कंपनी का कुल निवल मूल्य 31 मार्च, 2013 के रुपया 41,025 करोड़ से बढ़कर 31 दिसंबर, 2013 को रुपया 43,189 करोड़ हो गई। अप्रैल से दिसंबर, 2013 की इस नौ महीने की अवधि के लिए कर पश्चात लाभ रुपया 2164 करोड़ दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के रुपया 1724 करोड़ से 25.5% अधिक है।
सेल अपनी योजना के अनुरूप आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण गतिविधियों पर ज़ोर देते हुए, उन्हें पूरा करने की दिशा में कार्य कर रहा है। सेल के विभिन्न संयंत्रों/इकाईयों में दिसंबर, 2013 तक रुपया 14000 करोड़ की कीमत के पैकेज का प्रचालन शुरू हो चुका है। दिसंबर, 2013 तक रुपया 58,700 करोड़ रुपये के ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। इन इकाईयों के प्रचालन के स्तर पर पहुँचने से, सेल अपनी क्षमता वृद्धि और आधुनिकीकरण की महत्वाकांक्षी परियोजना के आखिरी पायदान तक पहुँच जाएगी। हाल ही में पूरी की गई प्रमुख परियोजनाओं में, राउरकेला में अगस्त, 2013 में चालू की गयी बड़े आकार - 4060 घन मीटर की भारत की सबसे बड़ी ब्लास्ट फर्नेस है। इसके अलावा संयंत्र में सिंटर प्लांट -3, स्टील मेल्टिंग शॉप-2 में न्यू स्लैब कॉस्टर और कंटिन्यूअस कॉस्टर को भी पूरा किया गया। इस्को इस्पात संयंत्र में कोक ओवन बैटरी कॉम्प्लेक्स, सिंटर प्लांट और वायर रॉड मिल में कार्य कर रही हैं तथा ब्लास्ट फर्नेस और ऑक्सीजन संयंत्र जैसी कई प्रमुख सुविधाएं तैयार हैं और इनका प्रचालन बीओएफ शॉप के तैयार होने से संबन्धित है।
आज सेल निगमित कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए सेल अध्यक्ष श्री सीएस वर्मा ने कहा, ‘‘सेल द्वारा विक्रय कारोबार में दर्ज की गयी वृद्धि, इस बात का संकेत है कि कंपनी किसी भी बाजार परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आगे बढ़ते हुए, हमें विश्वास है कि आधुनिकीकरण के परिणाम स्वरूप सेल में उत्पाद और प्रक्रिया के जारी मौजूदा सुधार के हमारे निवेश को बड़े लाभ में बदलेंगे।’’