अक्टूबर से दिसम्बर 2012 की तिमाही में, पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले सेल के कुल विक्रय में 5.1% की वृद्धि हुई है और विक्रय इस्पात का उत्पादन 1.8% बढ़ा है. वित्त वर्ष 2012-13 की तीसरी तिमाही में नए सिरे से प्रचालन को और बेहतर बनाने, तकनीकी-आर्थिक मानकों पर जोर देने से, पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता में 3.9% की वृद्धि, ऊर्जा खपत और कोक दर में क्रमश: 2.1% और 1.2% की कमी के साथ महत्वपूर्ण सुधार दर्ज किये गए हैं.
महारत्न स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) का वित्त वर्ष 2012-13 की तीसरी तिमाही में कर पूर्व लाभ और कर पश्चात लाभ क्रमश: रुपया 702 करोड़ और रुपया 484 करोड़ रहा. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह लाभ क्रमश: रुपया 904 करोड़ और रुपया 632 करोड़ था. कंपनी ने अक्टूबर से दिसम्बर 2012 में रुपया 11,801 का कुल विक्रय कारोबार किया, जिसने पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान के रुपया 11,686 करोड़ के कुल विक्रय कारोबार से 1% की वृद्धि हासिल की. बाजार की मंदी के चलते शुद्ध विक्रय प्राप्ति (एनएसआर) में कमी और कच्चे मालों के अधिशुल्क (रॉयल्टी) में बढ़ोत्तरी ने कंपनी की लाभप्रदता को प्रभावित किया है, जिसे विभिन्न प्रबंधन प्रयासों के जरिये संतुलित किया गया.
सेल बोर्ड ने अपने शेयरधारकों के लिए कंपनी की कुल चुकता पूँजी का 16% अंतरिम लाभांश के लिए अनुमोदित किया है, जो पिछले वर्ष 12% था. सेल के वित्त वर्ष 2012-13 की तीसरी तिमाही के परिणामों के साथ ही इसे घोषित किया गया.
कंपनी का अप्रैल-दिसम्बर की अवधि में कुल निवल मूल्य (नेट वर्थ), 31 मार्च, 2012 के रुपया 38,811 करोड़ से बढ़कर 31 दिसम्बर, 2012 को रुपया 40,771 करोड़ हो गया. वित्त वर्ष 2012-13 की नौमाही में कुल कारोबार रुपया 35690 करोड़ दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के रुपया 35,563 करोड़ से कुछ अधिक है. उत्पाद- मिश्र को और समृद्ध बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप अप्रैल-दिसम्बर 2012 में, वैल्यू-एडेड-प्रोडक्ट की हिस्सेदारी 42% तक बढ़ी गयी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 39.7% थी.
कंपनी में अप्रैल-दिसम्बर की अवधि के दौरान अनेक नए उत्पादों का विकास हुआ है. सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र ने भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के भारत आधारित प्रतिष्ठित न्यूट्रिनों ऑब्जरवेट्री परियोजना के लिए विशेष सॉफ्ट आयरन मैग्नेटिक प्लेट्स की आपूर्ति की है. सेल के बोकारो और सेलम स्थित संयंत्र ने भारतीय रेलवे के लिए विशेषरूप से निर्मित आईएस-2062 ई-450 और ई-350 एचआर क्वाइल का उत्पादन शुरू किया है.
मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान, आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण परियोजनाओं में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की गयी है, राउरकेला और इस्को इस्पात संयत्र की प्रगति विशेष रूप से उल्लेखनीय है. राउरकेला संयंत्र में नए सिंटर संयत्र ने उत्पादन शुरू कर दिया है. इसी संयत्र में नई कोक ओवेन बैटरी और 4060 घन मीटर का ब्लास्ट फर्नेस भी तैयार है और करीब दो महीनों में वह उत्पादन शुरू करने की स्थिति में आ जाएगा. इस्को इस्पात संयत्र में नए सिंटर संयंत्र से बोकारो इस्पात संयत्र के लिए डिस्पैच प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. बर्नपुर में इस महीने से ही नई कोक ओवेन बैटरी, पावर एवं ब्लोअिंग स्टेशन तथा वायर रोड मिल भी प्रचालन शुरू करने के लिए तैयार हैं.
सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा ने कहा, “ संयंत्रों में नई क्षमताओं के विकास के साथ वर्ष 2013 सेल के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. आधारभूत संरचना के क्षेत्र में बढ़ते हुए निवेश के सकारात्मक संकेत के मद्देनज़र, सेल निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था और इस्पात उद्योग में आने वाले वृद्धि के दौर से लाभ उठाने की पूरी स्थिति में है.”