सेल ने अगस्त 2012, में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए, 11.6 लाख टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया है. सेल द्वारा अप्रैल से अगस्त, 2012 के बीच कुल मिलाकर 56.5 लाख टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक है. पिछले कुछ महीनों में विश्वस्तरीय उत्पादन की स्थिरता के मद्देनजर यह वृद्धि और महत्वपूर्ण हो जाती है. लागत प्रतिस्पर्धा के उद्देश्य से तकनीकी-आर्थिक मानकों को लगातार बेहतर बनाने पर बल देने के फलस्वरूप अगस्त 2012, में ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता में पिछले वर्ष की इसी अवधि कि तुलना में 9 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई और कंकास्ट के कच्चे इस्पात के प्रतिशत उत्पादन के रूप में 4 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की गयी.
ऐसे समय में जबकि पूरे विश्व के इस्पात उत्पादक बाजार मांग की कमी के अनुसार अपनी उत्पादकता को समायोजित कर रहे हैं, केवल उत्पादन क्षमता के आंकड़ों का कोई महत्त्व नहीं रह गया है. एक जटिल प्रक्रिया होने के कारण, इस्पात उत्पादन में पर्याप्त कच्चे माल की उपलब्धता, दुरुस्त मशीनों इत्यादि समेत अनेक गतिशील कारक अपनी भूमिका निभाते हैं. आज जब कई कम्पनियां विभिन्न कारणों से क्षमता के अनुरूप उत्पादन नहीं कर पा रही हैं, ऐसे में वास्तविक उत्पादन एक महत्वपूर्ण द्योतक बन जाता है, हर कम्पनी की निष्पादन और लाभप्रदता का.
इस्पात उद्योग के लिए एक जाना पहचाना नाम “वर्ल्डस्टील” प्रति वर्ष कच्चे इस्पात उत्पादन के आधार पर श्रेष्ठ इस्पात कंपनियों के नाम की एक सूची जारी करता है. यह दुनिया भर में इस्पात उत्पादक कंपनियों के लिए उच्च या निम्न श्रेणी निर्धारित करने का औद्योगिक मानक है.