नई दिल्ली, 19 जनवरी 2015: : राउरकेला इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-4 में 18 जनवरी 2015 (रविवार) को कोल डस्ट इंजेक्शन (CDI) प्रणाली का प्रचालन शुरू हो चुका है। यह नवीनतम परिचालित सुविधा, तकनीकी आर्थिक मापदंडों को बेहतर बनाने और ब्लास्ट फर्नेस में हॉट मेटल की उत्पादकता बढ़ाने में प्रभावकारी होगी।
ब्लास्ट फर्नेस-4 के कोल डस्ट इंजेक्शन को 100 किलो/टन हॉट मेटल इंजेक्शन की क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग रुपया 30 करोड़ की वित्तीय बचत होगी। प्रणाली में कोल डस्ट इंजेक्शन के जरिये पलवराइज्ड कोल इंजेक्शन (पीसीआई) सुविधा द्वारा महंगें कोल के स्थान पर सस्ते कोल का उपयोग होगा, जिससे लागत में कमी आएगी। इस सुविधा से दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और कोल के सीधे उपयोग से कच्चे माल का अनुकूलतम उपभोग होगा तथा कोक दर घटेगा। ब्लास्ट फर्नेस-4 की कोल डस्ट इंजेक्शन सुविधा एक पूंजीगत योजना है, जो सेल द्वारा किए जा रहे वृहद आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के साथ इस्पात संयंत्र में जारी विस्तारीकरण कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है।
सेल अध्यक्ष श्री सीएस वर्मा ने कहा कि यह ऊर्जा दक्ष सुविधा कोक दर घटाने के साथ ब्लास्ट फर्नेस की उत्पादकता बढ़ाएगा, जो संयंत्र की लाभप्रदता में बढ़ोत्तरी करेगा।
इससे पहले इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-5 में कोल डस्ट इंजेक्शन सुविधा अप्रैल 2014 में प्रचालित की गई थी। यह इस्पात संयंत्र द्वारा की गई एक प्रमुख ऊर्जा संरक्षण पहल है। राउरकेला इस्पात संयंत्र की विस्तारीकरण योजना के तहत आने वाली लगभग सभी नई सुविधाएं पूरी तथा प्रचालित हो चुकी हैं। इन सुविधाओं से लाभ मिलना शुरू हो चुका है।
पलवराइज्ड कोल इंजेक्शन (पीसीआई), ब्लास्ट फर्नेस प्रक्रिया मापदंडों को बेहतर बनाने और फर्नेस लाभप्रदता को बढ़ाने का अनिवार्य उपकरण है। पीसीआई वह प्रक्रिया है, जिसमें ब्लास्ट फर्नेस में सूक्ष्म कोल कणिकाएं भारी मात्रा में ब्लोइंग में शामिल होती हैं। यह कोक उत्पादन की आवश्यकता को कम करते हुए, धात्विक लौह के उत्पादन की गति को बढ़ाने के लिए, अनुपूरक कार्बन स्त्रोत प्रदान करता है। इसके परिणाम स्वरूप ऊर्जा उपभोग और उत्सर्जन कम किए जा सकते हैं। यह ब्लास्ट फर्नेस में कोक खपत में ठोस कमी लाने में सहायक होगा। कोल के इस्पात उत्पादन के लिए महंगा और अनिवार्य औद्योगिक कच्चा पदार्थ होने के कारण, एक वैकल्पिक और ऊर्जा दक्ष तकनीकी जैसे कोल डस्ट इंजेक्शन (CDI) प्रणाली उद्योग के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।