स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) के पहले ब्लाास्टस फर्नेस “पार्वती” का कंपनी के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण योजना के तहत पुर्ननिर्माण किया गया है और आज उसे प्रज्ज्वलित (ब्लो-इन) किया गया। सेल के राउरकेला इस्पात संयंत्र में स्थित इस ब्लाहस्टा फर्नेस-1 “पार्वती को अत्याधुनिक सुविधाओं और अतिरिक्त क्षमता के साथ पुर्ननिर्मित किया गया है। इस नए अवतार में, पुर्ननिर्मित ब्लानस्टर फर्नेस का यूजफूल वाल्यूम 1139 घन मीटर से बढ़कर 1710 घन मीटर हो गया है, जिसके बाद ब्लामस्टत फर्नेस की वार्षिक उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 0.438 मिलियन टन से बढ़कर 1.015 मिलियन टन हो जाएगी। राउरकेला संयंत्र के सीईओ श्री अश्विनी कुमार ने इस पुनर्निर्मित ब्लास्ट फर्नेस को प्रज्ज्वलित किया।
स तकनीकी रूप से उन्नत ब्लास्ट फर्नेस में कई विशेषताएं हैं जिनमें शामिल हैं नई स्किप सिस्टम, सादा पानी के साथ बंद लूप शीतलन प्रणाली, ट्विन –फ्लैट कास्टस हाउस, कास्ट हाउस डिफ्यूमिंग सिस्टम, उच्चट शीर्ष दबाव के लिए नई उच्चा टर्बो ब्लो,अर, उच्चू ब्ला्स्टो तापमान के लिए नई हॉट ब्ला्स्टा प्रणाली, नई कोक डस्टस इंजेक्श न प्रणाली, नई गैस क्लीनिंग प्लांमट और एक नई डस्टल केचर है। उत्पादन को बढ़ावा देने के अलावा, इन विशेषताओं से कोयले पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी, जो बदले में कार्बन फुटप्रिंट में सुधार करेगी, इससे ब्लास्ट फर्नेस को पर्यावरण अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी।
इस ब्लास्ट फर्नेस 'पार्वती' को पहली बार 24 जनवरी 1959 को प्रज्ज्वलित गया, जिसके बाद भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 3 फरवरी, 1959 इसे देश को समर्पित किया था। तब से, पुननिर्माण के लिए 5 अगस्त् 2013 में इसे बंद करने से पहले रिलाइनिंग और बृहद मरम्मित के लिए 5 बार बंद किया गया था। फर्नेस को पूरी तरह से हटाकर उसी नींव पर उपलब्ध स्थारन और संसाधनों के साथ एक नए फर्नेस का डिज़ाइन और निर्माण किया गया। अपने आधुनिकीकृत अवतार में फर्नेस निश्चित रूप से संयंत्र की उत्पादकता और लाभप्रदता को और सुदृढ़ बनाने में लंबी दूरी तय करेगी।
प्रज्ज्वलन कार्यक्रम के दौरान कार्यपालक निदेशक (कार्मिक और प्रशासन) श्री पी. के. प्रधान, कार्यपालक निदेशक (संकार्य) श्री सुभेंद्र दास, ईडी (वर्क्स) और सेल-आरएसपी के कई अन्य वरिष्ठ कार्यपालक भी उपस्थित थे।