प्रेस विज्ञप्ति
- सेल के वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही का वित्तीय परिणाम कारोबार में 26% की वृद्धि और विक्रय में 9% की बढ़ोत्तरी
स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में 26% की वृद्धि दर्ज करते हुए 12,860 करोड़ रुपए का कारोबार किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान 10180 करोड़ रुपए था। इसी तिमाही में सेल ने कुल 30.28 लाख टन का कुल विक्रय करते हुए 9% की भी वृद्धि दर्ज की है। सेल ने वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में सेमीज को छोड़कर (without semis) तैयार इस्पात (फिनिस्ड स्टील) का पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 4.12 लाख टन अधिक उत्पादन करते हुए 19% की वृद्धि दर्ज की है। सेल प्रबंधन के नई मिलों से उत्पादन बढ़ाने और नई सुविधाओं से संवर्धित उत्पाद-मिश्र के उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित करने से, सेल ने अप्रैल-जून, 2018 की अवधि के दौरान ब्याज, कर, मूल्यहास और एमोरटाइजेशन के पूर्व आय (EBIDTA) में बढ़ोत्तरी को (वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में 23 करोड़ रुपया EBIDTA) बनाए रखा है।
वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में, पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले आयातित कोल की 115% और घरेलू कोल की 25% अधिक लागत ने कंपनी के निष्पादन को प्रभावित किया है, इससे पहली तिमाही में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले कुल विक्रय प्राप्ति (NSR) के 14% अधिक होने के बावजूद कुल निष्पादन लाभ में कमी आई है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में कर पश्चात लाभ (-) 801 करोड़ रुपया रहा। इस तिमाही के दौरान साइक्लोन डेब्बी के चलते आस्ट्रेलिया से कोकिंग कोल का आयात प्रभावित होने से विक्रेय इस्पात का उत्पादन में कमी आई। हालांकि सीडीआई, कोक रेट, ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता और अधिक बेहतर कंटिन्यूअस कास्टिंग रूट के जरिये उत्पादन के मामले में तकनीकी-आर्थिक मानकों में सुधार आया।
बाज़ार की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए, कंपनी लगातार अपने नए मिल्स को निर्धारित क्षमता के उत्पादन के लिए तैयार कर रही है। सेल प्रबंधन, कंपनी के यूनिवर्सल स्ट्रक्चरल, रेल, वायर रॉड प्लेट इत्यादि समेत कंपनी की नई और संवर्धित उत्पाद शृंखला की बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ाने हेतु सघन विपणन नीति पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है। कंपनी ने राजमिस्त्री और निर्माण कार्मिकों समेत विभिन्न स्टेकहोल्डर समूहों के बीच इस्पात उपयोग करने के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्राथमिक रूप से ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस करते हुए देशव्यापी अभियान शुरू किया है। इसके अलावा कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों में विक्रय और तैयार उत्पाद की बिक्री पर भी फोकस कर रही है। सेल लागत को कम करने की दिशा में भी ज़रूरी उपाय कर रहा है। मानव संसाधन के प्रभावी उपयोग, उत्पादकता बढ़ोत्तरी, लागत में कमी और हर उम्र के कार्मिकों के समन्वय के जरिये मानवश्रम का अनकूलतम उपयोग सुनिश्चित करने की पहल लागू की जा रही है।
सेक अध्यक्ष श्री पी के सिंह ने कहा, “ हम इस्पात क्षेत्र में जारी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद सकारात्मक EBIDTA को बनाए रखे हुए हैं, यह कंपनी के सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करता है। आयातित कोल संकट की समाप्ति के साथ, हम अपनी नई इकाइयों से उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर दे रहे हैं, आने वाली तिमाहियों में यह स्थिति बेहतर होगी। हमने लागत घटाने के लिए अपनी असक्षम इकाइयों से तेजी से उत्पादन घटाने के साथ प्रचालन में कोल ब्लेन्ड का अनुकूलतम उपयोग किया है। इन कदमों से आने वाले समय में सेल का वित्तीय परिणाम निश्चित तौर पर बेहतर होगा।
सकंपनी की आंतरिक संचार रणनीति से नया आयाम और फोकस मिला है। वृद्धि की पूरी क्षमता को हासिल करने के लिए सभी स्तरों पर कार्मिकों को सम्मिलित और उत्साहित करने करने के लिए संयंत्र और इकाइयों में शीर्ष प्रबंधन की उपस्थिति में बड़े स्तर पर सामूहिक संवाद आयोजित किए जा रहे हैं।