नई दिल्लीः महारत्न स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने वर्तमान वित्त वर्ष के अप्रैल-जून (प्रथम तिमाही) के अनंकेक्षित वित्तीय परिणामों में रुपया 11,891 करोड़ का विक्रय कारोबार दर्ज किया, जो विगत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 19.7 प्रतिशत वृद्धि है। परन्तु निविष्टि लागत में भारी वृद्धि के कारण रुपया 838 करोड़ का कर उपरांत लाभ हुआ जो विगत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 29 प्रतिशत कम है। प्रथम तिमाही के दौरान, सेल को अकेले कोयले पर ही लगभग रुपया 580 करोड़ का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। विगत वर्ष की प्रथम तिमाही में कोकिंग कोयले की कीमतें $200 प्रति टन से बढ़ कर वित्त वर्ष 2011-12 की प्रथम तिमाही में $330 प्रति टन होने से रुपया 422 करोड़ का खर्च आयातित कोकिंग कोयले की ऊंची कीमत के कारण हुआ। कंपनी ने रुपया 1,229 करोड़ का कर पूर्व लाभ दर्ज किया जो विगत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 29.7 प्रतिशत कम है। कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा परिणामों को आज रिकार्ड में लिया गया।
परन्तु ऊंची लागत के असर को आंशिक रूप से बेहतर उत्पाद श्रृंखला, अधिक विक्रय एवं प्रबंधन पहल के जरिये बचत प्राप्त कर निष्प्रभावी किया गया। निर्धारित क्षमता का 110 प्रतिशत प्रचालन करते हुए, सेल के कारखानों ने अप्रैल-जून’11 के दौरान दो ब्लास्ट फर्नेसों को बड़ी मरम्मत के लिए बंद करने के बावजूद 3.044 मिलियन टन विक्रेय इस्पात का उत्पादन किया, जो विगत वर्ष की प्रथम तिमाही के स्तर पर है। हॉट रोल्ड प्लेट्स (12 प्रतिशत), ईआरडब्ल्यु पाइप्स (14 प्रतिशत), कोल्ड रोल्ड कॉयल्स/शीट्स (9 प्रतिशत), मीडियम स्ट्रक्चरल्स (7 प्रतिशत), हॉट रोल्ड कॉयल्स (6 प्रतिशत), रेल्स (2 प्रतिशत), इत्यादि जैसी मदों में अधिक उत्पादन दर्ज किया गया। ऊर्जा-किफायती कंटीन्युअस कास्टिंग प्रणाली के जरिये कच्चे इस्पात के उत्पादन पर भी बल दिया गया । फलस्वरूप इस प्रणाली से 2.35 मिलियन टन कच्चे इस्पात का उत्पादन हुआ, जो अब तक का सर्वोच्च प्रथम तिमाही उत्पादन और विगत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 5 प्रतिशत अधिक है।
घरेलू विक्रय 17 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2.67 मिलियन टन और निर्यात 131 प्रतिशत वृद्धि के साथ 84,000 टन होने से, सेल द्वारा 2.75 मिलियन टन इस्पात का विक्रय किया गया, जो विगत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है। प्रथम तिमाही में मूल्य संवर्धित मदों के विक्रय में वृद्धि देखी गई जैसे वायर रॉड्स में (65 प्रतिशत), गेल्वेनाइज्ड उत्पादों में (43 प्रतिशत), हॉट रोल्ड कॉयल्स में (30.6 प्रतिशत), पाइप्स में (28.5 प्रतिशत), रेल सामग्री में (10 प्रतिशत), इत्यादि। कंपनी के देशव्यापी डीलर नेटवर्क के जरिये भी विक्रय में 21 प्रतिशत वृद्धि का शानदार योगदान रहा। इस विक्रय चैनल के जरिये सेल-ज्योति (गेल्वेनाइज्ड प्लेन एवं कोरूगेटेड शीट्स) और सेल-टीएमटी (रिबार्स) जैसे ब्रांडेड उत्पादों के विक्रय में भी क्रमशः 57 प्रतिशत एवं 9.5 प्रतिशत वृद्धि की गई। प्रथम तिमाही के दौरान, सेल के लगातार फैलते डीलर नेटवर्क में 51 नये डीलर जुड़े हैं।
प्रथम तिमाही के परिणामों पर टिप्पणी करते हुए सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा ने कहाः “बाढ़ से प्रभावित ऑस्ट्रेलियाई खानों में, उत्पादन स्थिर हो जाने के कारण आगामी महीनों में कोकिंग कोयले की कीमतों में तनिक कमी आने की आशा के चलते, हम इस वित्त वर्ष की आगामी तिमाहियों में लागत का बोझ कम करने के प्रति आशावान हैं। यद्यपि इस्पात की कीमतें स्थिर रहीं और अब तक इस्पात की मांग भी मंद रही, फिर भी हम वित्त वर्ष 2011-12 के उत्तरार्द्ध में घरेलू मांग में निरन्तर वृद्धि की आशा कर रहे हैं।”