सेल ने वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में 11% की वृद्धि के साथ विक्रेय इस्पात उत्पादन में अब तक की सर्वश्रेष्ठ तिमाही दर्ज की
वित्त वर्ष 2016-17 पहली तिमाही की EBITDA में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 9.3% से अधिक वृद्धि
वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में समग्र विक्रय में 4% की वृद्धि
स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2016) में, तीन तिमाहियों के बाद, पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 9.3% से अधिक वृद्धि के साथ सकारात्मक ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन पूर्व आय (EBITDA) दर्ज की है। कंपनी ने पहली तिमाही में 11% की बढ़ोत्तरी के साथ अब तक का सबसे अधिक 34.36 लाख टन विक्रेय इस्पात उत्पादन हासिल किया है। इसी दौरान प्रबंधन द्वारा लागत में कमी लाने के कई उपायों के पहल की गई और उन्नत मिलों से उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ पुरानी प्रणालियों से उत्पादन को युक्तिकरण करने के कारण, वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले कंपनी की परिवर्तनीय लागत में 10% की कमी आई।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में, पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले समग्र विक्रय में 4% की वृद्धि हासिल की है और यह वृद्धि मुख्य रूप से लांग उत्पाद में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 8% वृद्धि के कारण दर्ज की गई है, हालांकि सेल का सकल कारोबार 10,180 करोड़ रुपये हुआ, जो शुद्ध विक्रय प्राप्ति (एनएसआर) में 5% की गिरावट के चलते पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 3.4% कम है। वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही में उच्च EBITDA के बावजूद कर पश्चात घाटा रुपया 536 करोड़ रहा, पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह घाटा रुपया 248 करोड़ था। यह घाटा नई परिसंपत्तियों के पूंजीकरण पर उच्च ब्याज और मूल्यह्रास प्रभार की वजह से हुआ है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तकनीकी-आर्थिक मानक और बेहतर हुए हैं; कोक रेट में पहले के 489 किग्रा./प्रति टन हॉटमेटल में 2% सुधार दर्ज करते हुए 477 किग्रा./ प्रति टन हॉटमेटल दर्ज किया गया। इसी के साथ ब्लास्ट फर्नेस और कॉनकॉस्ट उत्पादकता में क्रमश: 8% और 4% की वृद्धि दर्ज की गई है।
वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में सेल ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने कुल निर्धारित पूंजीगत लागत का 25% से अधिक खर्च किया है। कंपनी के राउरकेला, इस्को, दुर्गापुर, बोकारो और सेलम स्थित इस्पात संयंत्रों के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण योजना के तहत सभी प्रमुख सुविधाओं को पूरा कर लिया गया है और वे प्रचालन एवं स्थिरीकरण की अवस्था में हैं। भिलाई की आने वाली यूनिवर्सल रेल मिल का हॉट ट्रायल चालू हो चुका है और भिलाई इस्पात संयंत्र का बाकी आधुनिकीकरण अगले कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा, जिससे सेल की विक्रेय इस्पात उत्पादन क्षमता बढ़कर करीब 200 लाख टन हो जाएगी।
मौजूदा बाज़ार दशाओं में, कंपनी उपभोक्ताओं और प्रतियोगिता पर ध्यान केन्द्रित करने एवं अपने लक्ष्यों को पूरा करने की रणनीति पर काम कर रही है। इस अवसर पर सेल अध्यक्ष श्री पी के सिंह ने कहा, “हमें विश्वास है कि अच्छे मानसून और सरकार द्वारा सड़क, रेलवे, राजमार्गों, बन्दरगाहों जैसे आधारभूत संरचना में भारी निवेश की योजना से, मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इस्पात की मांग में बढ़ोत्तरी होगी। इस दौरान में सेल अपनी बढ़ी हुई उत्पादन मात्रा, समृद्ध उत्पाद-शृंखला और उपभोक्ता केंद्रित प्रक्रियाओं के जरिये बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने में पूर्णत: सक्षम होगा।”