सेल ने 2014-15 में द्विअंकीय वृद्धि की योजना बनाई
सेल ने वित्त वर्ष 2013-14 में 121 लाख टन के विक्रय के साथ, विक्रय मात्रा में वित्त वर्ष 2012-13 के 113 लाख टन की तुलना में 7% की वृद्धि दर्ज की है। घरेलू विक्रय में दर्ज की गयी बढ़ोत्तरी एवं निर्यात में प्रभावी वृद्दि के चलते यह संभव हुआ है, 4.7 लाख टन निर्यात के साथ वित्त वर्ष 2012-13 के 3.6 लाख टन के मुक़ाबले 28% वृद्धि दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2013-14 में विक्रेय इस्पात का उत्पादन 129 लाख टन, वित्त वर्ष 2012-13 की तुलना में 4% अधिक रहा। मूल्य वर्धित इस्पात के उत्पादन पर ज़ोर बनाए रखने के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2012-13 के 50.2 लाख टन के मुक़ाबले, वित्त वर्ष 2013-14 में 53 लाख टन विशेष गुणवत्ता के इस्पात उत्पादन के साथ 6% की वृद्दि देखने को मिली।
सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा ने निष्पादन में उल्लेखनीय सुधार के लिए सेल कार्मिकों को सामूहिक रूप से बधाई दी और उन्हें प्रोत्साहित किया कि इस वर्ष के दौरान कंपनी के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के अंतर्गत शुरू होने वाली अधिकतम सुविधाओं के प्रचालन और स्थिरीकरण को सुनिश्चित करने के साथ वर्ष 2014-15 को एक यादगार वर्ष बनाएं।
ये उपलब्धियां ऐसे समय में हासिल हो रही हैं जबकि दुनिया भर में इस्पात उद्योग को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, यह कंपनी को नए वित्त वर्ष में द्विअंकीय वृद्धि की ओर बढ़ने का हौसला देता है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा वित्त वर्ष 2013-14 में रुपया 10,000 करोड़ मूल्य की परियोजनाओं का प्रचालन किया गया है, जिसने कंपनी के लिए अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके साथ ही जारी आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण परियोजनाओं के अंतगर्त अब तक में कुल प्रचालित परियोजनाओं का मूल्य करीब रुपया 23,000 करोड़ है। वर्ष 2013-14 में 25 लाख टन तप्त धातु क्षमता बढ़ाई गई है और वर्ष के दौरान सेल की कोक निर्माण एवं सिंटर निर्माण क्षमता में भी वृद्धि हुई है।