नई दिल्ली: मंदीग्रस्त बाजार परिस्थितियों के बावजूद, स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने वर्तमान वित्त वर्ष अप्रैल-जून (प्रथम तिमाही) के दौरान 9,931 करोड़ रुपये का कारोबार रिकार्ड किया, जो विगत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले लगभग 2% की वृद्धि दर्शाता है। सेल ने 1,749 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ एवं 1,177 करोड़ रुपये का कर उपरांत लाभ दर्ज किया, जो विगत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले क्रमश 13% एवं 11.5% कम है। कच्चे माल की लागत में भारी वृद्धि एवं मात्रा की दृष्टि से कम विक्रय सहित विभिन्न घटकों की वजह से कंपनी की लाभप्रदता प्रभावित हुई। कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा आज यहां सेल के प्रथम तिमाही के अनंकेक्षित वित्तीय परिणामों को रिकार्ड में लिया गया।
प्रथम तिमाही में, कर्मचारियों से जुड़े हितलाभों में 299 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान की वजह से कर्मचारी लागत बढ़ी है, जबकि विगत वर्ष की इसी अवधि में वेतन एवं पारिश्रमिक संशोधन हेतु 199 करोड़ रुपये के प्रावधान को पूर्णतः वापस लेखों में शामिल किया गया था। इसके अलावा, कोयला, फैरो-अलाॅयज, निकिल, इत्यादि जैसे कच्चे माल की कीमतों में 556 करोड़ रुपये (अकेले आयातित कोकिंग कोयले पर 368 करोड़ रुपये) की बढ़ोत्तरी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। परन्तु इन घटकों को आंशिक रूप से बेहतर उत्पाद श्रृंखला, विशेष/मूल्य संवर्धित इस्पात उत्पादों के अधिक उत्पादन एवं प्रबंधकीय पहल के जरिये प्राप्त बचतों से निष्प्रभावी किया गया । सेल कारखानों ने प्रथम तिमाही के दौरान अब तक के सर्वश्रेष्ठ 11.80 लाख टन विशेष एवं मूल्य संवर्धित उत्पादों का उत्पादन करते हुए, विगत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 3% की वृद्धि दर्ज की ।
वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान नियोजित 12,254 करोड़ रुपये के वार्षिक पूंजीगत खर्च के साथ, सेल की आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण योजनायें तेजी से आगे बढ़ रही हैं। विगत वित्त वर्ष में 10,606 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च हुआ था। सेल के सेलम इस्पात कारखाने की सम्पूर्ण स्थापित सुविधाएं तैयार हो जाने से यह आधुनिकीकरण योजना एक नए दौर में प्रविष्ट हो गई है और इनके हॉट ट्रायल्स इस महीने के आखिर में प्रस्तावित हैं। इस चरण में स्थापित प्रमुख सुविधाओं में इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस, लैडल फर्नेस, आर्गन ऑक्सीजन डीकार्बोराइजेशन (एओडी) कनवर्टर, स्लैब कास्टर एवं नयी सेंडजाइमर मिल शामिल हैं। इससे सेल की प्रोडक्ट-मिक्स बास्केट में 1.80 लाख टन उच्च मूल्य स्टेनलैस/ अलाॅयज स्टील उत्पादों की बढ़ोत्तरी हो़ जायेगी ।
बोकारो इस्पात कारखाने में 800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से ब्लास्ट फर्नेस- 2 का नवीकरण विवेच्य अवधि के दौरान पूर्ण की गई एक अन्य प्रमुख योजना है । इसके अंतर्गत अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का समावेश करते हुए 2 टन/घनमीटर/दिन के उच्चतर उत्पादकता स्तर के लिए फर्नेस के वर्किंग वॉल्यूम को 1,758 घनमीटर से बढ़ाकर 2,250 घनमीटर करना शामिल है।
आगामी महीनों हेतु अपनाई जा रही बहु-आयामी रणनीति में सुरक्षित कच्चे माल, विपणन नेटवर्क का विस्तार एवं लागत-प्रतिस्पर्धा पर बल शामिल है । इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सेल चासनाला, जीतपुर एवं रामनगर स्थित मौजूदा निजी कोयला खानों के विस्तार एवं तसरा व सीतानाला में नई खानों के विकास के लिए कदम उठा रहा है । सेल की चासनाला, जीतपुर एवं रामनगर स्थित मौजूदा निजी कोयला खानों से 3 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ, जो 18% की वृद्धि के साथ-साथ अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रथम तिमाही उत्पादन है। आगामी तिमाही में, सेल द्वारा बोकारो में फिनेक्स प्रोसेस प्लांट हेतु पोस्को के साथ सामरिक गठबंधन की पद्धतियों को अंतिम रूप दिया जायेगा। टेक्नोलॉजी मोर्चे पर, कोबे स्टील एवं निप्पोन के साथ भी गठबंधनों में आगे प्रगति की आशा है।
प्रथम तिमाही के परिणामों की घोषणा करते हुए, सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा ने कहा, “विश्व भर में इस्पात की अधिक उपलब्धता के साथ-साथ मांग पेर दबाव से प्रथम तिमाही में इस्पात कंपनियों के लिए बाजार परिस्थितियां अत्यंत मुश्किलों से भरी रहीं। देश में कीमतों में स्थायित्व के लक्षण दिखाई देने से एवं मांग में तेजी आने से, हम आगामी तिमाहियों के बारे में आशावान हैं“।