नई दिल्ली, 8 अगस्त, 2024 : स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने आज, बीते 30 जून, 2024 को समाप्त हुई पहली तिमाही के अपने वित्तीय परिणाम जारी किए हैं।
मुख्य बिन्दु :
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (स्टैंडआलोन) के परिणाम पर एक नज़र:
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इकाई |
पहली तिमाही 2023-24 |
चौथी तिमाही 2023-24 |
पहली तिमाही 2024-25 |
कच्चा इस्पात उत्पादन |
मिलियन टन |
4.67 |
5.02 |
4.68 |
विक्रय मात्रा |
मिलियन टन |
3.88 |
4.56 |
4.01 |
प्रचालन से कारोबार |
करोड़ रुपया |
24,358 |
27,958 |
23,998 |
ब्याज, कर, मूल्यहास और ऋण चुकाने से पहले की कमाई (EBITDA) |
करोड़ रुपया |
2,090 |
3,829 |
2,420 |
अप्रत्याशित मदों और कर से पहले का लाभ |
करोड़ रुपया |
202 |
1,831 |
326 |
अप्रत्याशित मदें |
करोड़ रुपया |
- |
(502) |
(312) |
कर–पूर्व लाभ (PBT) |
करोड़ रुपया |
202 |
1,329 |
14 |
कर – पश्चात लाभ (PAT) |
करोड़ रुपया |
150 |
1,011 |
11 |
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के दौरान, कंपनी के EBITDA में पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले 15% से अधिक की वृद्धि हुई, जो कंपनी के कोर प्रदर्शन के नियमित गति से जारी रहने का संकेत है।
स्थिर प्रदर्शन में नियमति वृद्धि का संकेत है। हालांकि, सस्ते आयात के चलते घरेलू इस्पात बाजार में शुद्ध विक्रय आय (NSR) में गिरावट देखने को मिली, जिससे परिचालन से होने वाला कारोबार प्रभावित हुआ। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही का मुनाफ़ा शुद्ध विक्रय आय में गिरावट और अप्रत्याशित मदों से संबंधित समायोजन के चलते प्रभावित हुआ।
सेल अध्यक्ष श्री अमरेंदु प्रकाश ने पहली तिमाही के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा, "पारंपरिक और उभरते दोनों क्षेत्रों द्वारा संचालित घरेलू इस्पात की खपत में लगातार वृद्धि जारी है। इसके अलावा, हाल ही में घोषित केंद्रीय बजट के अनुसार बुनियादी ढांचा क्षेत्र में चल रहे सरकारी निवेश से विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। घरेलू इस्पात क्षेत्र के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ, सेल अपने उत्पादन की मात्रा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आने वाले समय में, सस्ते आयात से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए समुचित उपाय किए जाने की उम्मीद है।"