नई दिल्ली, 11 फरवरी, 2025 : स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने आज, बीते 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त हुए तीसरी तिमाही और नौमाही के लिए अपने वित्तीय परिणाम जारी किए हैं।
मुख्य बिन्दु :
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (स्टैंडअलोन) के परिणाम पर एक नज़र:
|
इकाई |
Q3 23-24 |
Q2 24-25 |
Q3 24-25 |
कच्चा इस्पात उत्पादन |
मिलियन टन |
4.75 |
4.78 |
4.63 |
विक्रय मात्रा |
मिलियन टन |
3.81 |
4.10 |
4.43 |
प्रचालन से कारोबार |
रुपया करोड़ |
23,345 |
24,675 |
24,490 |
ब्याज, कर, मूल्यहास और ऋण चुकाने से पहले की कमाई (EBITDA) |
रुपया करोड़ |
2,319 |
3,174 |
2,389 |
अप्रत्याशित वस्तुएं और कर से पहले का लाभ |
रुपया करोड़ |
384 |
1,113 |
289 |
अप्रत्याशित वस्तुएं |
रुपया करोड़ |
76 |
0 |
29 |
कर–पूर्व लाभ (PBT) |
रुपया करोड़ |
461 |
1,113 |
318 |
कर – पश्चात लाभ (PAT) |
रुपया करोड़ |
331 |
834 |
126 |
वित्त वर्ष 2024-25 की नौमाही (स्टैंडअलोन) के परिणाम पर एक नज़र:
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इकाई |
9M 23-24 |
9M 24-25 |
कच्चा इस्पात उत्पादन |
मिलियन टन |
14.22 |
14.08 |
विक्रय मात्रा |
मिलियन टन |
12.46 |
12.54 |
प्रचालन से कारोबार |
रुपया करोड़ |
77,417 |
73,162 |
ब्याज, कर, मूल्यहास और ऋण चुकाने से पहले की कमाई (EBITDA) |
रुपया करोड़ |
8,451 |
7,983 |
अप्रत्याशित वस्तुएं और कर से पहले का लाभ |
रुपया करोड़ |
2,698 |
1,728 |
अप्रत्याशित वस्तुएं |
रुपया करोड़ |
(339) |
(283) |
कर–पूर्व लाभ (PBT) |
रुपया करोड़ |
2,359 |
1,445 |
कर – पश्चात लाभ (PAT) |
रुपया करोड़ |
1,722 |
970 |
इस चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान, सेल के परिचालन से कारोबार और विक्रय मात्रा में वृद्धि हुई है, जिसके साथ ही पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में EBITDA में भी सुधार देखने को मिला है।
कंपनी के वित्तीय परिणामों पर टिप्पणी करते हुए सेल अध्यक्ष श्री अमरेंदु प्रकाश ने कहा, " सेल (SAIL) ने घटती कीमतों और सस्ते आयात के दबाव से जूझ रहे इस्पात बाज़ार के बावजूद, वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के दौरान, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुक़ाबले बेहतर EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) हासिल किया है। हम उत्पादन को बढ़ावा देने और लागत दक्षता बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग हैं, इसके साथ ही साथ हम हरित प्रौद्योगिकियों की तलाश करने और उसे लागू करने पर भी जोर दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि उचित उपायों के चलते सस्ते आयात के मुद्दे का समाधान निकल आएगा और बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार का अभियान घरेलू इस्पात उद्योग के लिए अच्छा रहेगा, जिससे मांग को बढ़ावा मिलेगा।"