स्कोप में आज महात्मा गांधी की विचारधारा पर आधारित प्रबंधकीय परिपाटियों में नैतिक नेतृत्व एवं जीवन मूल्यों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। शहीदी दिवस की स्मृति में सार्वजनिक उद्यम संबंधी स्थायी समिति(स्कोप) और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने संयुक्त रूप से लेक्चर सत्र का आयोजन किया। जाने-माने भारतीय विद्धान डॉ. कर्ण सिंह ने कहा कि इस दिन महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम कम से कम उनके एक विचार जीवन जीने का ठोस प्रयास करने की प्रतिबद्धता प्रकट करें। उन्होंने कहा कि बुनियादी अधिकारों की बात करना सही है लेकिन हम उन आदर्शों पर बात क्यों नही करते जो महात्मा गांधी ने स्थापित किए। डॉ.कर्ण सिंह ने उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि इस बात का आत्मनिरीक्षण किया जाए कि हम उनके आदर्शों से कितने दूर निकल गए हैं और इतने अधिक वर्ष बीतने के बाद भी खराब बुनियादी सुविधाओं के कारण लोग क्यों ठंड में ठिठुरते हैं, गर्मी से त्रस्त हैं और मानसून से बेहाल हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक परिदृश्य के साथ गांधीजी के आंदोलन को इस व्यापक संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
भारत के प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री टी.के.ए. नैयर ने ट्रस्टीशिप की परिकल्पना के महत्व पर बल दिया जो गांधीजी के विचारों की उपज थी। उन्होंने बताया कि इसे हमारी गतिविधियों का मार्गदर्शन कैसे करना चाहिए तथा हमारे निर्णयों को किस तरह प्रभावित करना चाहिए। उदाहरण के लिए सत्ता में और प्रभावशाली पदों पर मौजूद लोगों को इस मामले में नेतृत्व करना चाहिए तथा ऐसा काम करना चाहिए जो दूसरों के लिए अनुकरणीय हो। सेल के अध्यक्ष सी.एस. वर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह सेल के विजन और सिद्धांत को गांधी जी के सिद्धांतों और विचारधारा से लिया गया है। उन्होंने इस तथ्य की ओर सबका ध्यान आकर्षित कियाकि गांधीवादी सिद्धांत और गांधी दर्शन आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितने पहले थे। इससे पहले स्कोप के महानिदेशक डॉ. यू.डी. चौबे ने स्वागत भाषण में उन जीवन मूल्यों पर विचार व्यक्त किए जिन पर गांधी जी ने जीवनभर काम किया। यह कार्यक्रम महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पण से शुरू हुआ और डॉ. कर्ण सिंह, श्री नैयर, श्री पी.के. मिश्रा, सचिव (डीओपीटी एवं स्टील), श्री वर्मा और डॉ. चौबे ने मंगल दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में ग्रामीण विकास मंत्रालय में जानी-मानी हस्ती श्रीमती शोभना राधाकृष्णन का लेक्चर शामिल था। उन्होंने गांधीवादी विचारों के प्रचार-प्रसार में अपना जीवन समर्पित कर दिया है। श्रीमती शोभना राधाकृष्णन ने इस बात को विस्तार से समझाया कि महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को किस तरह नैतिक नेतृत्व और प्रबंधन परिपाटियों में अपनाया जा सकता है।
नैतिक नेतृत्व पर कार्यक्रम के दौरान मौन धारण करने वाले पदाधिकारी (दाएं से बाएं) श्री पी.के. मिश्रा, श्री टी.के.ए. नैयर, डॉ. कर्ण सिंह, श्री सी.एस. वर्मा और डॉ. यू.डी. चौबे