बोकारो संयंत्र के दौरे में पूरी सुरक्षा, दक्षता और तीव्रता के साथ क्षमता को उत्पादन में बदलने और लक्ष्य को समय से हासिल करने पर दिया ज़ोर बोकारो / नई दिल्ली, 13 अक्टूबर, 2018:“सुरक्षा हमारी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता है। इससे किसी भी हाल में समझौता नहीं करना है। हमें अपने व्यवहार और विचार के साथ-साथ कार्य की हर प्रक्रिया में सुरक्षा के नवीनतम और उच्च मानदंडों को आत्मसात करना है। हमें खुद के साथ-साथ दूसरों का भी ध्यान रखना है कि वे भी सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन करें और संयंत्र में सुरक्षित कार्य के वातावरण का निर्माण करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं तथा इसे अपनी कार्यसंस्कृति का अभिन्न अंग बनाएं। सुरक्षा से जुड़ी हर तरह की नई सुविधा को लागू करने के लिए हम तैयार हैं, इसके लिए ज़रूरी हर संसाधन को उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है।” यह स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार चौधरी ने आज अपने बोकारो इस्पात संयंत्र के दौरे के दौरान कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र में हाल ही में घटित दु:खद घटना में दिवगंत कार्मिकों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उनको श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सेल के निदेशक परियोजना एवं व्यापार योजना डॉ जी. विश्वकर्मा, निदेशक कार्मिक श्री अतुल श्रीवास्तव, निदेशक तकनीकी श्री एच एन राय और बोकारो संयंत्र के सीईओ श्री पवन कुमार सिंह भी मौजूद थे।
श्री चौधरी ने कार्मिकों को अपनी सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए कहा कि हमें अपने कार्मिकों की क्षमता, कौशल और इनोवेटिव सोच पर पूरा भरोसा है, लेकिन ज़रूरत इसे उत्पादन में बदलने की है। उन्होंने आगे कहा कि आज जब इस्पात बाज़ार अपने बुरे दौर से लगभग उबर चुका है तो हमें अपनी लाभप्रदता बढ़ाने की ज़रूरत है, जिसके लिए आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के बाद हासिल की गई क्षमता को पूर्णतः उत्पादन में बदलने का यही सबसे सही समय है। उन्होंने बोकारो संयंत्र से कहा कि यह समय एकजुट होकर सेल की बाज़ार प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने का है, खासकर कोल्ड रोलिंग मिल – 3 से। साथ ही उन्होंने बोकारो संयंत्र से मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के मुक़ाबले दूसरी छमाही में मुनाफे को दुगना करने करने को कहा है।
श्री चौधरी ने तकनीकी-आर्थिक मानकों को और बेहतर करने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण उत्पादन पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमें अपनी लागत को घटाने पर विशेष रूप से ध्यान देने की ज़रूरत है। इसके साथ उन्होंने प्रक्रियाओं को और पारदर्शी बनाने पर ज़ोर दिया तथा डिजिटाइजेशन तथा डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने उन परियोजनाओं और सुविधाओं को अविलंब पूरा करने के लिए कहा, जिनके जरिये सेल बाज़ार की जरूरतों को पूरा करने में और प्रभावी तरीके से अपनी भूमिका निभा सकता है।
श्री चौधरी ने आगे कहा, “हमारे पास इस्पात उत्पादन का 60 सालों का सुदीर्घ अनुभव और समृद्ध विरासत है। देश की बुनियादी संरचना के निर्माण से लेकर आज के नवभारत के विकास को नई गति देने में सेल हमेशा साझीदार रहा है, जिसमें बोकारो इस्पात संयंत्र की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।” उन्होंने आगे कहा कि शायद ही राष्ट्रीय महत्व की कोई परियोजना होगी, जिसमें सेल इस्पात का इस्तेमाल न हुआ हो।
सेल अध्यक्ष ने प्लांट जाकर बोकारो संयंत्र की परियोजनाओं जैसे नए बन रहे सिंटर प्लांट, आधुनिकीकृत हो रहे स्टील मेल्टिंग शॉप-1, हॉट स्ट्रिप मिल और कोल्ड रोल मिल-3 की समीक्षा की। श्री चौधरी ने परियोजनाओं को समय से पूरा करने को कहा और उत्पाद आपूर्ति की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने पर विशेष रूप से ज़ोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि बाज़ार में मांग बढ़ रही है और इसके लिए हमें प्रतिबद्धताओं से आगे बढ़कर उत्पादन करने की ज़रूरत है तथा बाज़ार की मांग के हिसाब से अपनी क्षमता को उत्पादन में बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने कार्य का खुद दायित्व लेना होगा और खुद को कंपनी के मालिक की हैसियत से सोचना होगा तथा कंपनी के हित में निर्णय लेने में ज़रा भी नहीं हिचकना होगा, तभी हम उत्पादन, विक्रय और लाभप्रदता को हासिल करने के लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे।
श्री चौधरी ने अपने बोकारो दौरे में वहाँ के गैर-कार्यपालक और कार्यपालक कार्मिकों के प्रतिनिधियों से भी मुलाक़ात की।