नई दिल्ली : महारत्न स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा “सूचना प्रौद्योगिकी, राजभाषा और व्यवसायगत चुनौतियाँ” विषय पर दो दिवसीय (4 से 5 अगस्त, 2011) सेमिनार का शुभारम्भ स्कोप मीनार, लक्ष्मी नगर के स्कोप कन्वेन्शन हॉल में आज उद्घाटन समारोह के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और नई दुनिया के प्रधान संपादक श्री आलोक मेहता, विशिष्ट अतिथि और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक चक्रधर, सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा, सेल के निदेशक कार्मिक श्री बी. बी. सिंह, सेल के निदेशक वाणिज्यिक श्री शुमन मुखर्जी और सेल के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री सी. बी. पालीवाल के साथ विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों, संगठनों और संस्थानों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि श्री मेहता ने दुनिया भर में हो रहे बदलावों का उल्लेख करते हुये कहा, “देश भर में काम करने के लिए सबको जोड़ना जरूरी है और यह काम तकनीकी को भाषा से जोड़े बिना संभव नहीं है। आज संचार क्रांति से सुविधाएं बढ़ रही हैं, जिससे अपनी भाषा में संवाद सहज होता जा रहा है। भाषा का काम देश को जोड़ना है तोड़ना नहीं, इसी तरह हिन्दी के जरिये समाज को जोड़ने की कोशिश जारी रहनी चाहिए, ठीक उसी तरह, जिस तरह इस्पाती क्रांति ने देश को जोड़ा है। हमें बस यह सोचना है कि भारत कहाँ-कहाँ अच्छा कर रहा है और उसमें हम और क्या योगदान दे सकते हैं।”
लोकप्रिय साहित्यकार डॉ. चक्रधर ने हिन्दी को परिशुद्धता के चक्रव्यूह से निजात दिलाने पर बल देते हुए कहा, “अभिव्यक्ति सरल और सहज होनी चाहिए तथा आ रहे भाषागत बदलावों को स्वीकार करना चाहिए, तभी देश की संपर्क भाषा हिन्दी लोगों से कामकाज की भाषा के रूप अपनत्व पा सकेगी।”
इस अवसर पर सेल अध्यक्ष श्री वर्मा ने कहा, “इसमें कोई दो राय नहीं है कि आज व्यावसायिक सफलता की कुंजी कम्प्यूटरों में है और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि कम्प्यूटरों की भाषा जन-जन की भाषा हो। यूनिकोड के विकास ने हिन्दी में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है और इन्टरनेट पर आसान हिन्दी में संवाद का अनुकरण हम केवल व्यापार विकास और व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं बल्कि अपने रोज़मर्रा के कामों के लिए भी कर सकते हैं। हमारे लिए यह गर्व का विषय है कि सेल ने हिन्दी में कामकाज का आदर्श स्थापित किया है और यहाँ के कार्मिक हिन्दी में संवाद और कार्य करने में गर्व अनुभव करते हैं।” आगे बोलते हुये उन्होंने कहा, “सेल के कुशल, प्रतिभाशाली और निष्ठावान कार्मिक ही हमारे सबसे बड़े असेट हैं। इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण इनके द्वारा जीते हुए अधिक संख्या में प्रधानमंत्री श्रम और विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार हैं। मुझे विश्वास है सेमिनार में प्रस्तुत सुझावों के आधार पर देश में एक ऐसा कार्यक्रम तैयार करने में मदद मिलेगी, जिससे आने वाले समय में तकनीकी के क्षेत्र में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा।”
आज इस राष्ट्रीय सेमिनार में सूचना प्रौद्योगिकी, राजभाषा और प्रबंधन के विद्वानों तथा विशेषज्ञों द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी और भविष्य की हिन्दी, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन्स, ईआरपी एवं इसकी चुनौतियाँ और नेटवर्किंग, मेलिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं व्यापार विकास जैसे गहन विषयों पर विचार प्रस्तुत किये गये और व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई। सेमिनार के दूसरे दिन नए व्यापार को विकसित करने तथा व्यक्तिगत जीवन में इन्टरनेट की भूमिका और ई-गवर्नेंस तथा हिन्दी में उपलब्ध आधुनिक यांत्रिक सुविधाएं विषय पर चर्चा होगी और इससे संबंधित तकनीकी जानकारी प्रदान की जाएगी।
+ कैप्शन +
1 . महारत्न स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा “सूचना प्रौद्योगिकी, राजभाषा और व्यवसायगत चुनौतियाँ” विषय पर दो दिवसीय (4 से 5 अगस्त, 2011) सेमिनार के उदघाटन के अवसर पर “स्मारिका विमोचन”। इस तस्वीर में हैं (बाएँ से दायें) विशिष्ट अतिथि और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक चक्रधर, सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा, मुख्य अतिथि और नई दुनिया के प्रधान संपादक श्री आलोक मेहता, सेल के निदेशक (कार्मिक) श्री बी. बी. सिंह और सेल के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री सी. बी. पालीवाल (आईएएस)
2 .महारत्न स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा “सूचना प्रौद्योगिकी, राजभाषा और व्यवसायगत चुनौतियाँ” विषय पर दो दिवसीय (4 से 5 अगस्त, 2011) सेमिनार के उदघाटन समारोह के दौरान (बाएँ से दायें) सेल के निदेशक (वाणिज्यिक) श्री शुमन मुखर्जी, विशिष्ट अतिथि और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक चक्रधर, सेल अध्यक्ष श्री सी. एस. वर्मा, मुख्य अतिथि और नई दुनिया के प्रधान संपादक श्री आलोक मेहता, सेल के निदेशक (कार्मिक) श्री बी. बी. सिंह और सेल के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री सी. बी. पालीवाल (आईएएस)।